माओवादी हिंसा पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बोले, मौत का तांडव खत्म होगा
दंतेवाड़ा : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज नक्सलवादियों से कहा कि वह हिंसा छोडकर अमन के रास्ते पर चलें ताकि मौत का तांडव खत्म हो और विकास का मार्ग प्रशस्त हो. तीस बरस में यह पहला मौका है जब देश के किसी प्रधानमंत्री ने नक्सलवादियों के इस गढ की यात्रा की है. प्रधानमंत्रीयहां दिलमिली गांव […]
दंतेवाड़ा : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज नक्सलवादियों से कहा कि वह हिंसा छोडकर अमन के रास्ते पर चलें ताकि मौत का तांडव खत्म हो और विकास का मार्ग प्रशस्त हो. तीस बरस में यह पहला मौका है जब देश के किसी प्रधानमंत्री ने नक्सलवादियों के इस गढ की यात्रा की है.
शायद बस्तर के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि 24000 करोड़ के निवेश के साथ एक घंटे के कार्यक्रम में यह घोषणा हो रही है. किसी जिले में अगर 5000 करोड़ के लिए भी घोषणा होती है तो बड़ी है लेकिन राज्य के एक जिले में इतनी बड़ी राशि का महत्व आप समझ सकते हैं.
प्रधानमंत्री ने नक्सलियों से अपील की कि वे विकास में बाधा ना बनने बल्कि विकास में साथ आने का काम करें. प्रधानमंत्री ने कहा, कंधे पर हल समस्याओं का हल ला सकता है.कंधे पर गन समस्याओं का हल नहीं ला सकती है. उन्होंने कहा , नक्सलवाड़ी जहां से हिंसा का मार्ग शुरू हुआ था आज बंद हो गया. जिन लोगों को लगता है कि क्या आये दिन मौत का खेल बंद होगा या नहीं ? मैं उन्हें विश्वास दिलाता हूं निराश होने की जरूरत नहीं है यह सबकुछ बंद होगा. जब पंजाब में खूनी खेल खेला जा रहा था, तब किसी ने क्या सोचा था यहां शांति होगी? लेकिन आज वहां शांति है. माओवादी हिंसा के कारण जीवन में परेशानी आयी है. एजुकेशन सीटी बनाकर रमन सिंह ने उन बच्चों के हाथ में कंप्यूटर दे दिया जिनके हाथ में गन हो सकती था. मैं हिंसा के रास्ते पर चल रहे नौजवानों को कहना चाहता हूं कम से कम एक प्रयोग कीजिए.
दो -पांच दिनों के लिए कंधे से बंदूक नीचे रख दीजिए. बच्चों से बातें कीजिए उसको मत बताइयेगा आप कौन हैं. आपका मन सोचने के लिए जरूर मजबूर हो जायेगा. आपको भी लगेगा कि आपका रास्ता गलत था. कोई सरकार आपको बदले, नियम आपको बदले, लालच आपको बदले इससे बेहतर है कि वही बच्चा आपको बदले जो आप से ही पीड़ित है. रास्ते हमेशा मिल बैठकर निकल सकते हैं. छत्तसीगढ़ अगर नक्सल दहशत से बाहर निकल जाये, तो देश के नंबर एक राज्य में होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां नक्सलियों को हिंसा का रास्ता छोड़कर विकास में साथी बनने का आह्वान किया.
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस वक्त आप किसी आदिवासी, मजदूर या आम नागरिक से पूछे कि आगे क्या करें तो वह आपको बतायेगा कि उसे रोजगार मिले, काम मिले. उसे पता है कि अगर उसे रोजगार मिल जायेगा तो सारे काम कर लेगा. सबसे पहली प्राथमिकता रोजगार की है. हमारा भी प्रयास है कि देश के नागरिकों को रोजगार मिले. कोई मां बाप नहीं चाहता कि उसे दूर जाकर काम करना पड़ा. बूढ़े मां बाप को छोड़कर बेटा- बेटी भी नहीं जाना चाहते. इसलिए शासन की जिम्मेदारी बनती है कि सभी भूभाग में विकास पहुंचे. और गरीब से गरीब इंसान को भी रोजगार मिले.
इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कोयला और आयरन के महत्व और उद्योग के विकास की चर्चा की. उन्होंने पिछली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह सारे संसाधन पहले भी थे. लेकिन पिछली सरकार की नीतियों के कारण लोग निराशा की गर्त में चले गये. हमारा प्रयास विकास से सबको जोड़ना है. हमारी रेलवे नेटवर्क से गांवों और शहरों को जोड़ने की योजना है. बस्तर के जगदलपुर रेलवे स्टेशन और रेल लाइन के बढ़ते नेटवर्क से यहां के लोगों को विकास से जोड़ने की कोशिश की जा रही है. हम ऐसे लोग हैं जो यहां से आयरन भेज कर स्टील बाहर से खरीदते हैं.
रोजगार सृजनता और विकास की बात पर प्रधानमंत्री ने बल दिया. उन्होंने कहा कि मैं यहां डॉ रमन सिंह के सपनों को सच होता देख रहा हूं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री रमन सिंह को अपना विशेष मित्र बताया उन्होंने कहा इनके लिए हमेशा मेरे मन में विशेष सम्मान रहा है. इस मौके पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया कि बस्तर और दंतेवाड़ा के विकास के लिए चिंता की. रमन सिंह ने 24000 करोड़ के निवेश के लिए प्रधानमंत्री का आभार जताया