रायपुर: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की छत्तीसगढ यात्रा के दौरान राज्य के सुकमा जिले में आज 400 से 500 ग्रामीणों को माओवादियों द्वारा बंधक बनाये जाने की घटना पर परस्पर विरोधी दावे सामने आ रहे हैं.एक तरफ सुकमा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हरीश राठौड का कहना है कि पुल के निर्माण का विरोध करने वाले नक्सली 400 से 500 ग्रामीणों को जंगल में ले गए, जबकि दूसरी ओर बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक आर पर कालुरी ने कहा कि यह मीडिया की गढी ‘कल्पना’ है.
माओवादी मारेंगा गांव में एक नदी पर पुल के निर्माण का विरोध कर रहे हैं और उनको आशंका है कि पुल के निर्माण से उनके खिलाफ अभियान के दौरान सुरक्षा बलों को आने जाने में सुविधा होगी.
एएसपी राठौर ने पीटीआई भाषा को बताया कि बडी संख्या में सशस्त्र नक्सली कल रात अशांत तोंगपाल थाना क्षेत्र के मारेंगा और आसपास के गांवों में घुस आए और महिलाओं एवं बच्चों समेत 400 से 500 लोगों को अपने साथ ले गए.
इन लोगों में परियोजना पर काम कर रहे कुछ श्रमिक भी शामिल हैं. दूसरी ओर कालुरी ने कहा, ‘‘ बंधक बनाने की बात मीडिया द्वारा गढी गई कल्पना है. कल कुछ माओवादी उस गांव में आए थे जहां पुल का निर्माण किया जा रहा है और वे पांच.छह मजदूरों को ले गए जो उस पुल पर काम कर रहे थे.’’
उन्होंने कहा, ‘‘ इस संबंध में मारेंगा के कुछ ग्रामीण और पास के गांव के कुछ लोग माओवादियों से बात करने और पांच-छह श्रमिकों को वापस लाने के लिए जंगल में गए. लेकिन माओवादियों द्वारा 500-600 ग्रामीणों को बंधक बनाने की बात काल्पनिक है.’’ बहरहाल, सुरक्षा बल तोंगपाल के आसपास जंगलों में खोज कर रहे हैं.
इस बीच, निकटवर्ती दंतेवाडा आए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि लोकतंत्र में हिंसा का कोई भविष्य नहीं है. उन्होंने कहा कि कंधे पर हल से विकास हो सकता है, बंदूक से नहीं. मोदी ने कहा कि मौत का तांडव खत्म होगा.अपने दिनभर के छत्तीसगढ दौरे में प्रधानमंत्री नक्सलवाद से सबसे ज्यादा प्रभावित दक्षिण बस्तर जिले में कई विकास परियोजनाओं की शुरुआत करने वाले हैं.