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नक्सलियों ने सुकमा में ‘जन अदालत’ लगाकर एक बंधक की हत्या की, अन्य को किया रिहा

रायपुर : छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलियों ने शुक्रवार की रात लगभग पांच सौ ग्रामीणों को अगवा कर लिया है. हालांकि, शनिवार की रात ‘जन अदालत’ में एक ग्रामीण की हत्या कर दी और अन्य बंधकों को रिहा कर दिया. सुकमा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हरीश राठौड़ ने अगवा किये गये ग्रामीणों की संख्या […]

रायपुर : छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलियों ने शुक्रवार की रात लगभग पांच सौ ग्रामीणों को अगवा कर लिया है. हालांकि, शनिवार की रात ‘जन अदालत’ में एक ग्रामीण की हत्या कर दी और अन्य बंधकों को रिहा कर दिया. सुकमा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हरीश राठौड़ ने अगवा किये गये ग्रामीणों की संख्या 400 से 500 तक बतायी थी.

इससे पहले मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि स्थानीय प्रशासन उनकी रिहाई के लिए कोशिश कर रहा है. सुरक्षा बल तोंगपाल के आसपास जंगलों में ग्रामीणों को खोज रहे हैं. एएसपी राठौर के मुताबिक बड़ी संख्या में सशस्त्र नक्सली शुक्रवार की रात अशांत तोंगपाल थाना क्षेत्र के मारेंगा व आसपास के गांवों में घुस आये और महिलाओं व बच्चों समेत अन्य ग्रामीणों को अपने साथ ले गये थे.

बोले गृह मंत्री

इधर, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार नक्सलवाद से लड़ने का पूरा प्रयास कर रही है. नक्सल उग्रवाद एक पुरानी समस्या है. केंद्र सरकार इससे लड़ने का पूरा प्रयास कर रही है. नक्सलवाद को समाप्त किया जायेगा.

क्या है वजह

मामला यह है कि मरेंगा गांव के करीब नदी में पुल का निर्माण चल रहा है. ग्रामीण पुल के पक्ष में हैं, लेकिन नक्सली यहां पुल नहीं बनने देना चाहते हैं. नक्सलियों को आशंका है कि पुल के निर्माण से उनके खिलाफ अभियान के दौरान सुरक्षा बलों को आने जाने में सुविधा होगी. माना जा रहा है कि राज्य शासन पर दबाव डालने के लिए नक्सलियों ने यह कार्य किया है.

नक्सलियों के बंद के दौरान तोड़फोड़

पीएम की छत्तीसगढ़ यात्रा के विरोध में नक्सलियों द्वारा आहूत बंद के दौरान नक्सल प्रभावित बस्तर जिले में नक्सलियों ने रेल की पटरी में तोड़फोड़ की. बंद के चलते इस मार्ग पर रेलों की आवाजाही बंद है. राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने बताया कि बस्तर जिले के कोडेनार थाना क्षेत्र के अंतर्गत काकलूर और कुमार सांकला गांव के मध्य नक्सलियों ने किरंदुल-विशाखापत्तनम रेल मार्ग की रेल लाइन में तोड़फोड़ की.

माओवादियों का मन बदल जायेगा : प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को नक्सलियों से कहा कि वह हिंसा छोड़ कर अमन के रास्ते पर चलें, ताकि मौत का तांडव खत्म हो व विकास का मार्ग प्रशस्त हो. हिंसा में विश्वास रखने वाले युवाओं को सलाह दी कि वे कुछ दिन के लिए अपनी बंदूकें रख दें और हिंसा से जो परिवार व बच्चे प्रभावित हुए हैं, उनसे मिलें. वादा है कि यह अनुभव मन बदल देगा. तीस बरस में यह पहला मौका है जब देश के किसी प्रधानमंत्री ने नक्सलियों के इस गढ़ की यात्र की है. इससे पहले 1985 में तत्कालीन पीएम राजीव गांधी ने क्षेत्र का दौरा किया था. मोदी ने नक्सल हिंसा से प्रभावित बस्तर क्षेत्र के लिए 24,000 करोड़ की योजनाओं की शुरुआत की. जिनमें एक विशाल इस्पात संयंत्र, एक रेलवे लाइन सहित विभिन्न विकास परियोजनाएं शामिल हैं.बाद में दंतेवाड़ा के हाइस्कूल मैदान परिसर में जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण का एक बड़ा हिस्सा बस्तर की माओ समस्या पर केंद्रित रखा. उन्होंने कहा कि समस्या का निदान कंधे पर बंदूक नहीं, हल रखने से होगा. इससे हर कोई मुख्य धारा से जुड़ेगा. हिंसा का कोई भविष्य नहीं है. भविष्य सिर्फ शांतिपूर्ण कार्यो में है. यही वजह है कि नक्सल आंदोलन के जन्मस्थल नक्सलवाड़ी ने हिंसा का रास्ता छोड़ दिया है. वैसे भी निराश होने की जरूरत नहीं है, मेरा वादा है कि मौत का तांडव खत्म होगा.

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