गांधी जयंती पर खोला जाएगा ‘पूर्व के वाघा’ को
नयी दिल्ली : भारत-बांग्लादेश सीमा पर पूर्व दिशा में देश की पहली वाघा चौकी ‘वाघा इन द ईस्ट’ को इस गांधी जयंती पर जनता के लिए खोल दिया जाएगा और इस अवसर पर दोनों देशों के गृह मंत्री एक ऐतिहासिक सांस्कृतिक समारोह में शिरकत करेंगे.दोनों देशों के बीच पहले रिटरीट समारोह का आयोजन ठीक उसी […]
नयी दिल्ली : भारत-बांग्लादेश सीमा पर पूर्व दिशा में देश की पहली वाघा चौकी ‘वाघा इन द ईस्ट’ को इस गांधी जयंती पर जनता के लिए खोल दिया जाएगा और इस अवसर पर दोनों देशों के गृह मंत्री एक ऐतिहासिक सांस्कृतिक समारोह में शिरकत करेंगे.दोनों देशों के बीच पहले रिटरीट समारोह का आयोजन ठीक उसी तर्ज पर किया जाएगा जिस तरह हर रोज पंजाब में वाघा पोस्ट पर भारत और पाकिस्तान के बीच होता है. बस यहां सीमा पर तैनात गार्डों का उग्र रुप और तेज पदचाप नहीं होगी.
केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे 2 अक्तूबर को समारोह का उद्घाटन करने के लिए पश्चिम बंगाल में पेट्रापोल-बेनापोल सीमा पर बांग्लादेशी गृह मंत्री के साथ शिरकत कर सकते हैं.
बीएसएफ के प्रमुख सुभाष जोशी ने यहां कहा, ‘‘गांधी जयंती के मौके पर ऐतिहासिक समारोह का आयोजन किया जाएगा और मुङो उम्मीद है कि दोनों देशों के लोग हमारी सांस्कृतिक विरासत का नजारा देखेंगे और आनंद उठाएंगे.’’इस तरह के पहले आयोजन में शाम को रस्मी तौर पर ध्वजों को झुकाया जाएगा और दोनों देशों के जवान, यानी सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और बॉर्डर गार्ड्स बांग्लादेश (बीजीबी) के जवान पूरी तरह वर्दी में शामिल होकर समारोह का संचालन करेंगे.
भारत की ओर से बीएसएफ लोगों को इस समारोह का नजारा दिखाने के लिहाज से बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था करेगा. सूत्रों के अनुसार समारोह मित्रवत और शिष्टाचार पूर्ण होगा और इसमें प्रसिद्ध बंगाली कवि काजी नजरल इस्लाम तथा नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्र नाथ ठाकुर की कविताओं का प्रस्तुतिकरण किया जाएगा.