देश में जैसा संकट आज है वैसा पहले कभी नहीं थाः मुलायम

आगरा: उत्तर प्रदेश में पूर्ण बहुमत के साथ सत्तारुढ समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने केंद्र में सत्तारुढ कांग्रेसनीत संप्रग सरकार पर सीधा हमला बोलते हुए कहा है कि पिछले 10 वर्षो में देश के हालात जिस तरह से बिगड़े है उसकी दुनिया में कोई मिसाल नहीं मिलती. सपा मुखिया यादव ने आज […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 11, 2013 4:11 PM

आगरा: उत्तर प्रदेश में पूर्ण बहुमत के साथ सत्तारुढ समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने केंद्र में सत्तारुढ कांग्रेसनीत संप्रग सरकार पर सीधा हमला बोलते हुए कहा है कि पिछले 10 वर्षो में देश के हालात जिस तरह से बिगड़े है उसकी दुनिया में कोई मिसाल नहीं मिलती.

सपा मुखिया यादव ने आज यहां शुरु हुई पार्टी की दो दिवसीय कार्यकारिणी की बैठक का उद्घाटन करते हुए अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा, ‘‘आज देश की सियासत, देश की सुरक्षा, देश की अर्थव्यवस्था और धर्मनिरपेक्षता के सामने जैसा संकट है वैसा पहले कभी नहीं था.’’ यादव ने कहा, ‘‘कार्यकारिणी की इस बैठक में हमें इन सभी सवालों पर गंभीरता से चिंतन करना है, क्योंकि देश की जनता केवल शिकायत नहीं सुनना चाहती, बल्कि उसे विकल्प की तलाश है. मैं इसे बार-बार दोहराता रहा हूं कि देश को बचाने और मजबूत राजनीतिक विकल्प देने का काम ‘वोटो की राजनीति’ करने वाले बड़े सियासी दलों द्वारा संभव नहीं है. इस चुनौती को क्षेत्रीय दलों को ही स्वीकार करना पड़ेगा.’’

यह कहते हुए कि देश के सवा सौ करोड़ नागरिक रोज अपमानित हो रहे है, सपा मुखिया ने कहा, ‘‘पिछले 20 वर्षो से भी अधिक समय से समाजवादी पार्टी यह गुहार करती रही है कि देश की सीमाएं और देश की सुरक्षा सबसे अधिक खतरे में है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘किसी भी स्वाभिमानी राष्ट्र की पहली जिम्मेदारी यह होती है कि वह अपने देश के नागरिकों के मन में सुरक्षा और सम्मान की भावना को न सिर्फ कायम रखे बल्कि उसे मजबूत करे. मगर दुर्भाग्य से एनडीए और यूपीए दोनों सरकारों के कार्यकाल में देश के नागरिक अपमानित हुए हैं और उनके मन में असुरक्षा का भाव पैदा हुआ है.’’

यादव ने आरोप लगाया, ‘‘सीमाओं पर हमले हुए हैं, घुसपैठ हुई है, सैनिकों की हत्याएं हुई हैं और सरकारों ने उसे देश से छिपाया है. देश के सैनिक और देश के नागरिक का इससे बड़ा अपमान और कुछ नहीं हो सकता. इस हालात को बदलने की कोई गंभीर कोशिश सरकार की ओर से नहीं हो रही है.’’ यह कहते हुए कि ऐसे हालात एक नहीं दर्जनों बार सामने आये है, सपा मुखिया ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री पहले प्रभावी कदम उठाये जाने का आश्वासन देते हैं और बाद में यह कह देते हैं कि हम अपने पड़ोसी नहीं बदल सकते.’’

बाह्य सुरक्षा को लेकर संप्रग सरकार को कटघरे में खडा करते हुए सपा मुखिया ने कहा, ‘‘यह सच है कि हम अपने पड़ोसी नहीं बदल सकते, लेकिन हम अपने देश की सीमाओं की सुरक्षा पड़ोसियों के हाथों बंधक भी नहीं रख सकते.’’ उन्होंने कहा, ‘‘पड़ोसियों के साथ समानता, सुरक्षा और आत्म सम्मान की शर्त होना जरुरी है. केंद्र सरकार सीमा पर बिना लड़े अपनी शहादत देने वाले सैनिकों के आंकड़ो को भी तोड़-मरोड़ कर पेश कर रही है, जिसे हम बर्दाश्त नहीं करेंगे.’’ सपा मुखिया ने केंद्र में सत्तारुढ कांग्रेसनीत संप्रग सरकार की आर्थिक नीतियों पर प्रहार करते हुए कहा, ‘‘पिछले दस सालों में हमने अपनी पूरी अर्थव्यवस्था विदेशी पूंजी के हवाले कर दी है और भारतीय रुपये की खरीद शक्ति अमेरिकी डालर के रहमोकरम पर है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘संप्रग सरकार सौ दिन के अंदर मंहगाई कम कर देने का भरोसा दिलाकर सत्ता में आयी थी. मगर पांच साल में आवश्यक वस्तुओं की कीमतें सौ प्रतिशत बढ गयी हैं. हालात ऐसे हो गये है कि गरीबों, किसानों, मजदूरों और बेरोजगारों को तो छोडिए मध्यम वर्ग तक के सामने गंभीर संकट की स्थिति पैदा हो गयी है.’’

मुलायम ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भी संप्रग सरकार पर निशाना साधा और कहा, ‘‘पिछले पांच सालों में सरकारी विभागों में हुए घोटालों की राशि जोड दी जाये तो यह पांच लाख करोड रुपये से अधिक बैठती है.’’केंद्र में सत्तारुढ संप्रग और उससे पहले सरकार में रही भाजपानीत राजग सरकार को गरीबों, किसानों, नौजवानों, बेराजगारों और महिलाओं को सुरक्षा देने के मोर्चे पर पूरी तरह विफल करार देते हुए सपा मुखिया ने दावा किया, ‘‘अगले वर्ष मई महीने में केंद्र में नई सरकार होगी, जिसके गठन, समर्थन और मजबूती की जिम्मेदारी समाजवादी पार्टी की है और हमें इस चुनौती पर खरा उतरना है.’’ मुलायम ने अपने भाषण में मुजफ्फरनगर और आसपास के क्षेत्रों में 40 लोगों की मौत का कारण बने साम्प्रदायिक दंगों का भी उल्लेख किया और कहा, ‘‘आज देश की एकता और धर्मनिरपेक्षता के सामने गंभीर चुनौती खडी हो गयी है.’’उन्होंने कहा, ‘‘मुजफ्फरनगर और आस पास के जिलों में साम्प्रदायिकता की आग किस तरह भडकाई गयी सबने देखा. यदि हम सतर्क न हुए तो यह घटनाएं बार बार दोहरायी जायेगी, क्योंकि जिन लोगों पर उत्तर प्रदेश की जनता ने भरोसा नहीं किया वे इस आंच में अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकना चाहते है.’’

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