बेंगलूर: भारत के आगामी मंगल कक्ष मिशन (एमओएम) के दौरान पता लगाया जाएगा कि क्या वहां मिथेन गैस का वजूद है या नहीं जिसे लाल ग्रह पर जिंदगी के लिए ‘‘शगुन रसायन’’ माना जाता है. महत्वकांक्षी परियोजना से जुड़े अधिकारियों ने यह बात कही है.एमओएम परियोजना के निदेशक अरुणान एस. ने कहा कि अंतरिक्ष यान पर पांच वैज्ञानिक उपकरणों में से एक मिथेन सेंसर भी है जो गैस की उपस्थिति का पता लगाएगा. उन्होंने कहा कि सेंसर का उद्देश्य यह समझना है कि क्या मंगल पर जिंदगी का अस्तित्व है या भविष्य में इस पर जीवन संभव है.
उन्होंने कहा, ‘‘मिथेन किसी भी उपग्रह पर जिंदगी के लिए मौलिक आधार है.’’ आईआरएस एवं एसएसएस (इंडियन रिमोट सेंसिंग एंड स्मॉल साइंस एंड स्टूडेंट सैटेलाइट) के कार्यक्रम निदेशक एम. अन्नादुरई ने कहा, ‘‘ज्यादा संभावना है कि हम जवाब दे सकेंगे कि वहां मिथेन है या नहीं. अगर है तो हां, अगर नहीं है तो नहीं. अगर यह उपलब्ध है तो कहां उपलब्ध है.’’