मुजफ्फरनगर हिंसा के केंद्र में रह रही लड़कियां भयभीत
मुजफ्फरनगर : जिले में हुई सांप्रदायिक हिंसा के केंद्र में जो दो लड़कियां थीं वे स्कूल छोड़ने पर विचार कर रही हैं क्योंकि हाल की घटना के बाद वे अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं. 14 वर्षीय सीमा और 16 वर्षीय पूनम (दोनों नाम काल्पनिक) से छेड़खानी के विवाद के बाद हिंसा ने व्यापक रुप […]
मुजफ्फरनगर : जिले में हुई सांप्रदायिक हिंसा के केंद्र में जो दो लड़कियां थीं वे स्कूल छोड़ने पर विचार कर रही हैं क्योंकि हाल की घटना के बाद वे अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं. 14 वर्षीय सीमा और 16 वर्षीय पूनम (दोनों नाम काल्पनिक) से छेड़खानी के विवाद के बाद हिंसा ने व्यापक रुप धारण कर लिया था.
समझा जाता है कि दोनों लड़कियों से छेड़खानी और उनके परिवार की तरफ से इस पर उठाई गई आपत्तियों के बाद उत्तर प्रदेश के इस जिले में हिंसा ने व्यापक रुप धारण कर लिया था.छेड़छाड़ की घटना और इसके बाद इसपर आपत्ति जताने को लेकर सीमा के 17 वर्षीय भाई गौरव और उसके दोस्त सचिन सिंह 27 अगस्त को मारे गए थे. इस घटना में शाहनवाज कुरैशी की भी मौत हो गई थी. कुरैशी ने कथित तौर पर लड़कियों से छेड़खानी की थी. पूनम गौरव की रिश्तेदार है. कवाल गांव की आबादी करीब 15 हजार है और हिंदू एवं मुसलमान बराबर की संख्या में हैं.
पूनम ने घटनाक्रम को याद करते हुए बताया, ‘‘स्कूल जाने के लिए बस स्टैंड पर बस पकड़ने जाते समय लड़कों का एक समूह भद्दी टिप्पणियां करता था और कभी-कभार हमारा रास्ता रोकता था.’’ सीमा के पिता रविन्दर कुमार ने कहा कि दो महीने पहले ही उन्होंने स्कूल जाना शुरु किया था और छेड़छाड़ की शिकायत करती थीं. सीमा ने नौवीं कक्षा में दाखिला लिया था जबकि पूनम 12वीं कक्षा में थी. उनकी शिकायत के बाद गौरव उन्हें बस स्टैंड तक छोड़ने जाता था.