नयी दिल्ली: शराब कारोबारी पोंटी चड्ढा और उनके भाई हरदीप सिंह की हत्या मामले में कथित रुप से भूमिका निभाने को लेकर वांछित दो लोग अगर दिल्ली की एक अदालत के सामने हाजिर होने में नाकाम रहते हैं तो उन्हें भगोड़ा अपराधी घोषित किया जा सकता है.
मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट राजकुमार त्रिपाठी ने उन्हें भगोड़ा अपराधी घोषित करने के लिए दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 82 के तहत कार्यवाही शुरु करने के आदेश दिये. प्रेमवीर और इंदरजीत के खिलाफ कार्यवाही के आदेश दिये गये हैं जो पोंटी के भाई राजेंद्र चड्ढा के निजी सुरक्षा गार्ड हैं और उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं.
सीआरपीसी की धारा 82 के तहत, अगर अदालत को लगता है कि आरोपी फरार है या खुद को छिपा रहा है तो वह अदालत में उनकी उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए अभियोजन पक्ष को आरोपियों के बारे में नोटिस छपवाने या उनके घर या सार्वजनिक स्थलों के पास उनके बारे में सूचना या सार्वजनिक घोषणा करने का आदेश दे सकती है.
अदालत ने कहा कि अगर आरोपी फिर भी हाजिर नहीं होते हैं तो उन्हें भगोड़ा अपराधी घोषित किया जाता है. न्यायाधीश ने कहा कि चूंकि उनके खिलाफ आज के लिए जारी गैरजमानती वारंट उनके दिये गये पतों पर निष्पादित नहीं हो सका, वह इस बात से संतुष्ट हैं कि उन्हें भगोड़ा अपराधी घोषित करने की प्रक्रिया शुरु करने के लिए मामला बनता है.
न्यायाधीश ने कहा कि इसके बाद आरोपियों (प्रेमवीर और इंदरजीत) के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 82 के तहत प्रक्रिया शुरु होती है. दो प्रमुख अखबारों में घोषणा छपवाई जाए. इस बीच, अदालत ने आज पोंटी और हरदीप की हत्या में कथित भूमिकाओं को लेकर आरोप पत्र में नामित सात आरोपियों की न्यायिक हिरासत सात मई तक बढा दी.