नयी दिल्ली : सरकार बुधवार को होनेवाली रक्षा खरीद परिषद की बैठक में भारतीय नौसेना को 2700 करोड़ रुपये के छह नये ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल देने का रास्ता साफ कर सकती है. इसके अलावा सेना को बीएई एम 777 अल्ट्रा लाइट होवित्जर देने के प्रस्ताव पर भी विचार किया जा सकता है. रक्षा सूत्रों ने कहा कि 2.5 अरब एवरो स्थानापन्न कार्यक्रम के मुद्दे पर भी चर्चा की जा सकती है.
एवरो के अलावा बड़े प्रस्तावों में 89 सुपरसोनिक मिसाइल के साथ छह नयी ब्रह्मोस प्रणालियां देने का प्रस्ताव भी शामिल है. अन्य महत्वपूर्ण प्रस्ताव है बीएई सिस्टम्स की तरफ से भारत में होवित्जर फैक्टरी लगाना, जिस सौदे की कीमत करीब 80 करोड़ डॉलर है. एक अन्य महत्वपूर्ण प्रस्ताव जिस पर चर्चा की जा सकती है वह है भारतीय वायुसेना के पुराने हो रहे 56 एवरो विमानों के स्थान पर एयरबस-टाटा कंसोर्टियम का प्रस्ताव स्वीकार करना. इन एवरो विमानों में सी-295 परिवहन विमान भी शामिल हैं.
इस पर अंतिम निर्णय नवंबर, 2014 में किया जाना था, लेकिन र्पीकर ने तब विमान की जरूरत और निविदा प्रणाली के बारे में और जानकारी मांगी थी. वर्तमान रक्षा खरीद नीति के तहत जब तक डीएसी से मंजूरी नहीं मिलती, तब तक कंपनी की स्थिति पर गौर नहीं होगा.
‘मेक इन इंडिया’ को लेकर अमेरिका तैयार
सूत्रों ने बताया कि बहरहाल भारत को अपनी तोपें बेचने को इच्छुक अमेरिकी कंपनी ने ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत यह पेशकश की है. कंपनी तोप को स्वदेश में बनाये जाने के लिए स्थानीय भागीदार के साथ फैक्टरी लगाने को तैयार है. यह अमेरिका और भारत के बीच सरकार के स्तर पर समझौता होगा. नयी तोपों को लेकर इच्छुक सेना बीएई तोपों के लिए फॉरेन मिलिटरी सेल्स (एफएमएस) विकल्प बहाल करने को इच्छुक है. अमेरिका के लिए फिर से लेटर ऑफ ऑफर एवं एक्सेप्टेंस जारी किया जायेगा.