नयी दिल्ली : लोकसभा में अमेठी में मेगफूड पार्क परियोजना की गूंज आज फिर एक बार सुनायी दी. सदन में सत्तापक्ष और कांग्रेस के बीच इस मुद्दे को लेकर जोरदार टकराव देखने को मिला. अमेठी में मेगफूड पार्क को जेकर राजनीति जारी है. मंगलवार को मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी ने अमेठी का दौरा किया जिसपर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने चुटकी लेते हुए कहा कि ईरानी अमेठी को मेगफूड वापस दिलायेंगी. आज लोकसभा में कांग्रेस ने इसे रद्द करने को राजनीति से प्रेरित बताया और इसे नेरंद्र मोदी सरकार पर पूर्व की कांग्रेस नीत संप्रग सरकार की परियोजनाओं को रोकने का आरोप लगाया.
केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने इस विषय पर अपनी बात रखनी चाही लेकिन स्पीकर सुमित्रा महाजन ने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी. इस पर हुए शोर शराबे के कारण सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए 12 बजकर 45 मिनट तक के लिए स्थगित कर दी गई. शून्यकाल में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा कि कल मेगा फूडपार्क :अमेठी: के बारे में मंत्री हरसिमरत कौर जी ने कुछ बाते कही. इसके लिए प्रोमोटर से जुडे विषय का जिक्र किया. लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि जमीन रहते हुए भी मंजूरी नहीं मिल रही है. इस बारे में मंशा ही नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘‘अगर फूडपार्क को मंजूरी नहीं दिये जाने का कोई कारण हो सकता है तो यह राजनीतिक हो सकता है और कुछ नहीं.’’ इस बीच हरसिमरत कौर बादल ने इस विषय पर कुछ कहने का प्रयास किया लेकिन अध्यक्ष ने एक अन्य सदस्य अंजू बाला को अपना विषय उठाने को कहा. इस विषस पर केंद्रीय मंत्री द्वारा फिर जोर दिये जाने पर अध्यक्ष ने कहा, ‘‘ आप बैठिए। मैं आपको अनुमति नहीं दे रही हूं.’’ इससे पहले खडगे ने कहा, ‘‘ संप्रग सरकार के दौरान मंजूर कई परियोजनाएं को आगे नहीं बढाया जा रहा है, वे रुके हुए हैं. हमें बताया गया है कि कुछ मामलों में जमीन नहीं है, कुछ मामलों में धन की कमी है और कुछ के तकनीकी कारण बताए गए हैं.’’
खडगे ने कहा कि इन परियोजनाओं में इंदिरा गांधी लिफ्ट कनाल परियोजना 2, एम्स के विस्तार से संबंधी परियोजना आदि शामिल है. उल्लेखनीय है कि केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने कल सदन में कहा था कि एक अंतरमंत्री स्तरीय अनुमोदन समिति ने 30 जून 2014 को परियोजना में हुई अनावश्यक देरी के मुद्दे पर विचार किया. समीक्षा बैठक के दौरान प्रमोटर कंपनी के प्रतिनिधि ने सूचित किया था कि प्रशासित मूल्य पर गैस आपूर्ति के बिना वह ‘‘परियोजना को व्यवहार्य नहीं पाती.’’ मंत्री ने सदन को बताया था, ‘‘ प्रशासित मूल्य पर गैस की उपलब्धता नहीं होने पर प्रमोटर कंपनी ने परियोजना को आगे बढाने में अपनी असमर्थता जतायी थी.’’ उनके अनुसार, प्रमोटर कंपनी ने 26 जून 2014 को एक पत्र के जरिए सूचित किया था कि उसने अभी तक जरुरी भूमि को अधिग्रहित नहीं किया है क्योंकि उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम के दिशा निर्देशों में बदलाव का मामला अभी विचाराधीन है.
उन्होंने बताया था कि इसके बाद प्रमोटर कंपनी ने 30 सितंबर 2014 तक समय बढाए जाने की मांग की थी. सदन की बैठक 12 बजकर 45 मिनट पर शुरु होने पर अध्यक्ष ने केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल से कहा कि अब अगर वह कुछ कहना चाहती है तब वह लिखित रूप में रख दें. इसके बाद वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने पराक्रम्य लिखित संशोधन विधेयक 2015 चर्चा एवं पारित होने के लिए सदन में रखा. हालांकि राजस्थान से जुडे एक मुद्दे पर भाजपा सदस्यों के शोर शराबे के कारण लोकसभा की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.