नयी दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने एक ट्रक से जब्त हुए चार हजार चूजों को छोडने में नाकाम रहने पर केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी के एनजीओ ‘पीपुल्स फार एनीमल्स’ और ‘संजय गांधी एनिमल केयर सेंटर’ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश निरस्त कर दिया है.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश दिनेश भट्ट ने गैर सरकारी संगठन और अस्पताल को राहत देते हुये उनकी ये दलील स्वीकार कर ली कि उनका चूजों को छोडने संबंधी निचली अदालत के आदेश का उल्लंघन करने का कोई इरादा नहीं था. ये चूजे लाने ले जाने के दौरान मर गये थे.
हालांकि अदालत ने उन पर एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया और उन्हें यह राशि हरियाणा की पोल्टरी फर्म को देने का आदेश दिया. अदालत ने मजिस्ट्रेट अदालत को पक्षों को नये सिरे से सुनने का भी निर्देश दिया.
यह मामला पांच मार्च 2012 का है जब कश्मीरी गेट पुलिस थाने के अधिकारियों ने एक ट्रक पकडा जिसमें कथित रुप से निर्दयता से 4030 चूजे ले जाये जा रहे थे.
इन चूजों को चिकित्सकीय सहायता तथा इलाज के लिए एनजीओ के पास भेजा गया और जब उन्हें ट्रक से निकाला गया तो उनमें से 3600 चूजे मृत मिले और बचे हुए चूजे गंभीर हालत में थे जिनकी बाद में मौत हो गई.