नयी दिल्ली : चीन पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राष्ट्रपति शी जिनपिंग अपने गृह नगर जियान और प्रसिद्ध वाइल्ड गूज पैगोडा ले गये. पैगोडा की स्थापना बौद्ध धर्म को लोकप्रिय बनानेवाले बौद्ध भिक्षु शियान जांग के योगदान के प्रतीक के रूप में छठी शताब्दी ईसा पश्चात की गयी थी. इस आध्यात्मिक स्थल की यात्रा महत्वपूर्ण है, क्योंकि शियान ने प्राचीन रेशम मार्ग से 645 ईसा पश्चात भारत की यात्रा की थी. यहां अनमोल बौद्ध ग्रंथों के साथ 17 वर्ष तक रहने के बाद वह घर लौटे थे.
दोनों नेताओं के प्रीतिभोज से पहले पारंपरिक चीनी शाही तांग राजवंश मोदी का स्वागत करेगा. दोनों नेताओं के बीच सीमा संबंधी मसलों, चीन की समुद्री रेशम मार्ग परियोजना और भारत में चीनी निवेश पर बात होगी. चीन रेशम मार्ग परियोजना को आगे बढ़ाना चाहता है, जबकि भारत को इस परियोजना के संबंध में कुछ संदेह हैं. पीएम के चीन जाने से पहले कैबिनेट ने भारत खनन एवं खनिज क्षेत्र में सहयोग के लिए चीन के साथ एमओयू साइन करने को मंजूरी दे दी. एमओयू संसाधन, कानून व नीति के बारे में सूचना के आदान-प्रदान, विकास रणनीति के आदान-प्रदान के लिए सेमिनार का आयोजन, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और मूल्य वर्धन को बढ़ावा देने में मदद करेगा.
द कोरिया के साथ दो समझौतों को मंजूरी
सरकार ने दक्षिण कोरिया से बिजली उत्पादन व समुद्री परिवहन व लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र में दो शुरुआती समझौतों पर हस्ताक्षर करने को मंजूरी दी. इससे इलेक्ट्रिक पावर व नव ऊर्जा उद्योगों के क्षेत्र में दोनों देशों की सार्वजनिक इकाइयों व अधिकारियों के बीच संबंध का एक ढांचा स्थापित होगा. दोनों देशों के नेता दोहरे कराधान से बचाव की संधि, नौवहन, परिवहन, राजमार्गो और विद्युत विकास समेत कई क्षेत्रों में समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे. मोदी दक्षिण कोरिया में भारतीय समुदाय को भी संबोधित करेंगे.
मंगोलिया की यात्रा करनेवाले पहले पीएम
प्रधानमंत्री 17 मई को मंगोलिया पहुंचेंगे और यहां के राष्ट्रपति साखियागिन एल्बेगदोर्ज से मुलाकात करेंगे. दोनों पक्ष कैंसर के उपचार के लिए परमाणु तकनीक को लागू करने, सौर एवं पवन ऊर्जा, चिकित्सा एवं होमियोपैथी की परंपरागत प्रणालियों, साइबर सुरक्षा और अन्य मामलों पर बात करेंगे. मंगोलिया की यात्रा करनेवाले मोदी पहले भारतीय पीएम होंगे. वह मंगोलिया में लोकतंत्र के 25 वर्ष पूरे होने और दोनों देशों के राजनयिक संबंधों के 60 वर्ष पूरे होने की पृष्ठभूमि में यह यात्रा करेंगे.
इधर, चीन ने कहा – रातोंरात नहीं सुलझ सकता सीमा मसला
नरेंद्र मोदी की यात्रा से पहले चीन ने कहा कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मोदी की बातचीत के दौरान सीमा मुद्दा आयेगा, लेकिन इसे रातोंरात नहीं सुलझाया जा सकता. चीनी विदेश मंत्रलय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने मोदी की यात्र के संबंध में कहा, ‘हम आशान्वित हैं. सीमा का प्रश्न साझा सरोकार का मुद्दा है और बातचीत में यह विषय आयेगा. दोनों पक्ष जल्दी सीमा विवाद को सुलझाना चाहते हैं और हमने इस दिशा में व्यापक प्रयास किये हैं.’