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पूर्व सीबीआइ प्रमुख रंजीत सिन्हा ने पद का दुरुपयोग किया था, जांच होनी चाहिए : सुप्रीम कोर्ट
नयी दिल्ली : सर्वोच्च न्यायालय ने आज कहा कि सीबीआइ के पूर्व निदेशक रंजीत सिन्हा ने अपने पद पर रहते हुए अपने अधिकारों व शक्तियों का दुरुपयोग किया है, इसलिए उनके मामले की अवश्य जांच की जानी चाहिए. उल्लेखनीय है कि सिन्हा 2014 में अपने पद से सेवानिवृत्त हुए हैं. वे सीबीआइ निदेशक के पद […]
नयी दिल्ली : सर्वोच्च न्यायालय ने आज कहा कि सीबीआइ के पूर्व निदेशक रंजीत सिन्हा ने अपने पद पर रहते हुए अपने अधिकारों व शक्तियों का दुरुपयोग किया है, इसलिए उनके मामले की अवश्य जांच की जानी चाहिए. उल्लेखनीय है कि सिन्हा 2014 में अपने पद से सेवानिवृत्त हुए हैं. वे सीबीआइ निदेशक के पद पर रहते हुए कई तरह के विवादों में लगातार घिरते रहे.
वे अपने घर पर आने वाले मुलाकातियों को लेकर भी विवादों में रहे हैं. अदालती आदेश के बाद उन्हें कई जांच से भी अलग किया गया था. उन्हें टेलीकॉम घोटाले की जांच भी सुप्रीम कोर्ट ने अलग कर दिया था.
सिन्हा पर आरोप है कि उन्होंने पद पर रहते हुए न केवल कोयला घोटाले से जुडे आरोपियों से मुलाकात की, बल्कि उनके साथ जांच से जुडी जानकारियां भी साझा की थी. जस्टिस मदन बी लोकुर, जस्टिस कुरियन जोसेफ और एके सीकरी की पीठ ने इस मामले में 13 अप्रैल को अपना फैसला सुरक्षित रखा लिया था. उल्लेखनीय है कि इस मामले में प्रशांत भूषण ने एक एनजीओ की ओर से याचिका दायर की थी और सिन्हा पर कोयला घोटाला मामले की जांच को प्रभावित करने का आरोप लगाया था.
प्रशांत भूषण ने इस मामले में एनजीओ कॉमन कॉज की ओर से याचिका दायर की थी, जिसमें कहा गया था कि सीबीआइ निदेशक के विजिटर्स रजिस्टर में इंट्री ने स्पष्ट होता है कि वे हाइप्रोफाइल आरोपियों से मिल रहे थे.
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