भूमि अध्यादेश को पुन: जारी करेगी सरकार, दो बार हो चुका है जारी
कोच्चि: विवादित भूमि अधिग्रहण विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति को भेजे जाने के बीच सरकार ने आज कहा कि वह संबद्ध अध्यादेश को तीसरी बार जारी करेगी.ग्रामीण विकास मंत्री चौधरी बीरेन्द्र सिंह ने कहा कि ऐसे 13 कानून थे, जो मौजूदा भूमि अधिग्रहण विधेयक 2013 की परिधि से बाहर थे और ‘‘उन्हें शामिल करने के […]
कोच्चि: विवादित भूमि अधिग्रहण विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति को भेजे जाने के बीच सरकार ने आज कहा कि वह संबद्ध अध्यादेश को तीसरी बार जारी करेगी.ग्रामीण विकास मंत्री चौधरी बीरेन्द्र सिंह ने कहा कि ऐसे 13 कानून थे, जो मौजूदा भूमि अधिग्रहण विधेयक 2013 की परिधि से बाहर थे और ‘‘उन्हें शामिल करने के लिए हमने अध्यादेश जारी किया, और अब उस अध्यादेश को जारी रखने के लिए अगर हमें ताजा अध्यादेश जारी करना पडा तो (जारी) करेंगे.’’
सिंह इस समय केरल की यात्रा पर हैं और वह यहां एक समारोह से इतर संवाददाताओं के सवालों के जवाब दे रहे थे. उनसे पूछा गया कि कल समाप्त हुए संसद के बजट सत्र में भूमि अधिग्रहण विधेयक को मंजूर करा पाने में असफल रहने के बाद क्या सरकार इसपर फिर अध्यादेश जारी करेगी.
विपक्ष और सहयोगी दलों के कडे विरोध के चलते राजग सरकार ने 12 मई को भूमि अधिग्रहण विधेयक 2015 को संसद की संयुक्त समिति के सुपुर्द कर दिया.सिंह ने बताया कि संसद की संयुक्त समिति, जो विधेयक पर विचार करेगी, संसद के मानसून सत्र के पहले सप्ताह में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.
सरकार इससे पहले भी कडे विरोध के बीच दो बार भूमि अधिग्रहण अध्यादेश जारी कर चुकी है. अधिकारियों ने बताया कि सरकार के पास कार्यकारी आदेश द्वारा अध्यादेश को जारी करने के लिए इस महीने के अंत तक का समय है. केंद्रीय मंत्रिमंडल को अध्यादेश को पुन: जारी करने का अनुमोदन करना होगा. उसके बाद इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जा सकेगा.
संसद के आगामी सत्र में इस विधेयक के मंजूर होने की उम्मीद जताते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि इस कानून को राष्ट्रीय सहमति की जरुरत है और इसके लिए हमने विपक्ष के प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए संयुक्त समिति का गठन किया. मुझे लगता है कि आने वाले सत्र में यह विधेयक पारित हो जाएगा.’’
इससे पूर्व सिंह ने कटहल समारोह में हिस्सा लिया, जिसका आयोजन एर्नाकुलम जिला प्रशासन और अन्य ने किया है.