अदालत ने आतंकवाद के मामले में पाक नागरिक को बरी करने के फैसले को सही ठहराया

नयी दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के 150 वर्ष पूरे होने के मौके पर यहां आयोजित समारोह को बाधित करने की साजिश रचने के आरोपी एक पाकिस्तानी नागरिक सहित लश्कर ए तैयबा के दो संदिग्ध आतंकवादियों को बरी करने के फैसले को बरकरार रखा. न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति आशुतोष कुमार की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 15, 2015 5:46 AM

नयी दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के 150 वर्ष पूरे होने के मौके पर यहां आयोजित समारोह को बाधित करने की साजिश रचने के आरोपी एक पाकिस्तानी नागरिक सहित लश्कर ए तैयबा के दो संदिग्ध आतंकवादियों को बरी करने के फैसले को बरकरार रखा.

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति आशुतोष कुमार की पीठ ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ दिल्ली पुलिस की अपील खारिज कर दी.
अदालत ने कहा कि अभियोजन की दलीलों में कई कमियां हैं जिनके बारे में स्पष्टीकरण नहीं दिया गया और यह बरामदगी और दोनों की वास्तविक संलिप्तता पर संदेह पैदा करता है.
अदालत ने कहा कि हमारा मानना है कि निचली अदालत ने सही तरह से संदेह का लाभ दिया और मोहम्मद हसन और शफाकत इकबाल को भादंसं की धाराओं 121, 121ए, 122, 123 और 120 बी तथा विस्फोटक सामग्री कानून की धारा चार और पांच तथा गैरकानूनी क्रियाकलाप रोकथाम कानून के प्रावधानों से बरी किया.

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