जंग-केजरीवाल गतिरोध: आप ने राज्यपाल जंग व भाजपा पर साधा निशाना

नयी दिल्ली: दिल्ली में शकुंतला गैमलिन को कार्यवाहक मुख्य सचिव नियुक्त किए जाने को लेकर अरविंद केजरीवाल नीत दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल नजीब जंग के बीच टकराव के बीच आप ने आज उपराज्पाल पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि वह संविधान और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार (जीएनसीटी) कानून के प्रावधानों के तहत कार्य नहीं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 17, 2015 11:18 AM

नयी दिल्ली: दिल्ली में शकुंतला गैमलिन को कार्यवाहक मुख्य सचिव नियुक्त किए जाने को लेकर अरविंद केजरीवाल नीत दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल नजीब जंग के बीच टकराव के बीच आप ने आज उपराज्पाल पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि वह संविधान और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार (जीएनसीटी) कानून के प्रावधानों के तहत कार्य नहीं कर रहे हैं.

आप ने आरोप लगाया कि जंग एक निर्वाचित सरकार के प्राधिकार को कमजोर कर रहे हैं. आप ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा दिल्ली को पीछे के दरवाजे से चलाने का प्रयास कर रही है.

आप प्रवक्ता दीपक वाजपेयी ने कहा, उपराज्यपाल संविधान, जीएनसीटी कानून और कामकाज संबंधी नियमों (टीबीआर) के प्रावधानों के अनुसार कार्य नहीं कर रहे हैं. अनुच्छेद 239 एए और टीबीआर के अनुसार एक निर्वाचित सरकार को मुख्य सचिव चुनने का अधिकार है. वह (जंग) एक निर्वाचित सरकार को कमजोर कर रहे हैं.

उन्होंने कहा, ह्यह्यशर्मनाक हार का सामना करने के बाद भाजपा पीछे के दरवाजे से सरकार के मामलों को संचालित करने का प्रयास कर रही है. जंग पर निशाना साधते हुए आप नेता कुमार विश्वास ने कहा कि लडाई ऐसे नहीं जीती जा सकती. उन्होंने ट्वीट किया, एक आदमी को सच में काम करते देख कर आप के मन में कितनी खलबली है साहेब? ऐसे जंग नहीं जीत पाओगे.

इस बीच केजरीवाल ने सोशल मीडिया के जरिये दिल्लीवासियों का विचार जानना चाहा. उन्होंने वरिष्ठ नौकरशाह शकुंतला गैमलिन पर बिजली कंपनियों की ह्यह्यनजदीकी होनेह्णह्ण का आरोप लगाते हुए पूछा यदि कोई अधिकारी उद्योग घरानों का नजदीकी है तो क्या उसे दिल्ली में शीर्ष नौकरशाह पद देना चाहिए.

उन्होंने ट्वीट करके यह भी पूछा कि शहर के नागरिकों द्वारा चुने गए किसी मुख्यमंत्री को अधिकारी चुनने का अधिकार होना चाहिए या नहीं.

वहीं जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी दिल्ली के मुख्यमंत्री का समर्थन किया. उन्होंने ट्वीटर पर लिखा कि पसंद करिये या नहीं, सही पसंद या गलत, एक मुख्यमंत्री अपने अधिकारियों की टीम चुनने को मुक्त होना चाहिए. पीछे से सरकार चलाना लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाता है.

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