जानिये, बिहार चुनाव जीतने के लिए क्या है भाजपा की रणनीति

नयी दिल्ली: आगामी बिहार चुनाव के लिए राजनीतिक पार्टियां अपनी तैयारियों में जुट गयी है. जनता दल एक होकर भाजपा से मुकाबले की तैयारी कर रहा है, तो भाजपा भी अपनी रणनीति से तमाम पार्टियों को मात देने की कोशिश करेगी. हालांकि सीट बटवारे को लेकर राजद और जदयू के बीच अतंर्कलह की खबरें सुर्खीयां […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 17, 2015 12:08 PM

नयी दिल्ली: आगामी बिहार चुनाव के लिए राजनीतिक पार्टियां अपनी तैयारियों में जुट गयी है. जनता दल एक होकर भाजपा से मुकाबले की तैयारी कर रहा है, तो भाजपा भी अपनी रणनीति से तमाम पार्टियों को मात देने की कोशिश करेगी. हालांकि सीट बटवारे को लेकर राजद और जदयू के बीच अतंर्कलह की खबरें सुर्खीयां बटोर रही है. इन खबरों का कितना असर चुनाव पर पड़ेगा यह कहना अभी जल्दबाजी होगी लेकिन भाजपा ने लोकसभा चुनाव के बाद वृहद स्तर पर सदस्यता अभियान चलाया.

इस अभियान ने कई रिकार्ड तोड़ दिए और भाजपा दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बन गयी. भाजपा की रणनीति अपने उन सदस्यों के दम पर चुनाव लड़ने और बुथ लेबल तक कार्यकर्ताओं की उचित रणनीति के दम पर चुनाव जीतने पर नजर है. भाजपा के सदस्यता अभियान की ‘सफलता’ का पहला चुनावी परीक्षण साबित होने जा रहे बिहार के विधानसभा चुनाव से पूर्व पार्टी के नेताओं से कहा गया है कि वे राजनैतिक लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण राज्य बिहार में सत्ता हासिल करने के लिए पार्टी की बढी हुई सदस्य संख्या का लाभ लेने का हरसंभव प्रयास करें.

भगवा पार्टी ने दावा किया है कि देशभर में उसने 10 करोड से ज्यादा सदस्य बनाए हैं और बिहार में यह संख्या 75 लाख से ज्यादा है. इसका अर्थ यह है कि राज्य में हर नौंवा मतदाता भाजपा का सदस्य है.
राज्य के विधानसभा चुनावों के लिए रणनीति पर चर्चा करने के लिए जब भाजपा नेता और बिहार के सांसद पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से शुक्रवार को मिले तो उनसे कहा गया कि वे अपने प्रचार अभियान में इन बडी संख्याओं का लाभ लें. इसके साथ ही यह आशंका भी बनी रही कि खराब चुनावी नतीजों से बहु-प्रचारित 10 करोड की संख्या के बारे में कई सवाल उठ सकते हैं.
बिहार और झारखंड में कुल सदस्य संख्या 93 लाख से ज्यादा है और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि राज्य में यह संख्या 75 लाख से ज्यादा है.सुशील कुमार मोदी ने कहा, ‘‘हम आगामी दिनों में इनकी जानकारियों की पुष्टि करेंगे और इनकी ताकत का इस्तेमाल विधानसभा चुनाव जीतने के लिए करेंगे.’’पार्टी के नेताओं ने कहा कि वे खुद भी नए सदस्यों की गंभीरता के बारे में आश्वस्त नहीं हैं क्योंकि पुष्टि की प्रक्रिया अभी शुरु ही हुई है. इससे पहले इन सदस्यों का पंजीकरण एक स्वचलित टेलीफोनिक प्रक्रिया के माध्यम से हुआ था.
राज्य के नेताओं से कहा गया है कि वे नरेंद्र मोदी सरकार का एक साल पूरा होने के अवसर पर 26 मई को और फिर विश्व योग दिवस यानी 21 जून को राज्य भर में समारोहों का आयोजन करें. संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को विश्व योग दिवस के रुप में मनाने का फैसला किया है.
हालांकि पार्टी इन दोनों अवसरों का जश्न देशभर में मनाएगी, वहीं बिहार में आगामी चुनावों को देखते हुए कई अन्य स्थानीय समारोह भी आयोजित किए जाएंगे.भाजपा को दिल्ली विधानसभा चुनाव में करारी हार मिल चुकी है और अब वह महत्वपूर्ण राज्य बिहार में मुख्यमंत्री नीतिश कुमार और राजद के लालू प्रसाद यादव के मजबूत गठबंधन के खिलाफ जीतने के लिए तथा राजनीतिक हवा को वापस अपने पक्ष में मोडने के लिए कोई कसर नहीं छोडना चाह रही है.

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