राज्यसभा केवल दिखावे के लिए नहीं हो सकती, सरकार के लिए उसकी राय महत्वपूर्ण: सोमनाथ चटर्जी
नयी दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली के राज्यसभा को ह्यह्यपरोक्ष तौर पर निर्वाचित सदनह्णह्ण बताने वाली टिप्पणियों को लेकर उन पर निशाना साधते हुए पूर्व सांसद सोमनाथ चटर्जी ने आज कहा, राज्यसभा केवल दिखावे के लिए नहीं हो सकती.राज्यसभा में सदन के नेता जेटली ने संसद का बजट सत्र खत्म होने के बाद टिप्पणी की […]
नयी दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली के राज्यसभा को ह्यह्यपरोक्ष तौर पर निर्वाचित सदनह्णह्ण बताने वाली टिप्पणियों को लेकर उन पर निशाना साधते हुए पूर्व सांसद सोमनाथ चटर्जी ने आज कहा, राज्यसभा केवल दिखावे के लिए नहीं हो सकती.राज्यसभा में सदन के नेता जेटली ने संसद का बजट सत्र खत्म होने के बाद टिप्पणी की थी कि संसदीय लोकतंत्र में यह गंभीर सवाल है कि प्रत्यक्ष रुप से निर्वाचित सदन की बुद्धिमत्ता पर परोक्ष रुप से निर्वाचित सदन द्वारा बार बार सवाल उठाए जाते हैं.
वर्ष 2004 से 2008 तक लोकसभा अध्यक्ष रहे चटर्जी ने कहा, ह्यह्यजो वह कह रहे हैं वह हताशा है. फिलहाल वे राज्यसभा में मुश्किलों का सामना कर रहे हैं… लेकिन आप सभी उद्देश्यों के लिए राज्यसभा को कुचल नहीं सकते.ह्णह्ण
चटर्जी की इस बात का संदर्भ यह था कि भाजपा के पास उपरी सदन में पर्याप्त संख्या नहीं है और उसे लोकसभा में बहुमत हासिल होने के बावजूद विधेयक पारित कराने में मुश्किलें हो रही हैं.
उन्होंने कहा, ह्यह्यराज्यसभा मात्र दिखावे का सदन नहीं हो सकती. इसकी राय भी सरकार के लिए महत्वपूर्ण है. सरकार को :इसके: नजरिये पर भी संज्ञान लेना चाहिए.ह्णह्ण जेटली ने कहा था कि संसद एक बडी चुनौती का सामना कर रही है.
उन्होंने कहा था कि मैं समझ सकता हूं कि द्विसदन वाली संसद में कभी कभी परोक्ष रुप से निर्वाचित सदन प्रत्यक्ष रुप से निर्वाचित सदन की बुद्धिमत्ता पर सवाल खडे करता है. यह कभी कभार हो सकता है लेकिन हर विेधयक और हर सत्र में नहीं हो सकता.