नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संसद में कांग्रेस की नई आक्रमकता को लेकर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस नेतृत्व में विधायी साक्षरता का अभाव है और उसे दूसरे पर निर्भर होने की बजाय वास्तविक स्थिति को सीधे तौर पर पढना चाहिए.
उन्होंने इस सुझाव पर असहमति जताई कि भाजपा और केंद्र सरकार भूमि अधिग्रहण विधेयक पर धारणा के द्वंद्व में हार गए हैं. जेटली ने कहा कि कांग्रेस को उसकी ‘मार्क्स से भी ज्यादा वाम’ वाली तरकीबों से कुछ हासिल नहीं हुआ है.
भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के उन आरोपों को भी खारिज कर दिया कि अगले ‘चार वर्षों में कारपोरेट को 2.5 लाख करोड़ रुपये की कर में कटौती देकर ‘उदार उपहार’ भेंट किया है.
जेटली ने कहा, ‘दुर्भाग्यपूर्ण है कि मौजूदा सोच मुद्दों के समझ की कमी पर आधारित है. अगर आप उनके कुछ भाषणों को सुनेंगे तो वे सिर्फ उनके खुद के बनाए कानूनों के ही विरोधाभासी नहीं हैं, बल्कि वे मौजूदा सोच से प्रभावित हैं. मैं इसके लिए एक वाक्य कहता हूं ‘जो मार्क्स से भी ज्यादा वामपंथी : लेफ्ट ऑफ मार्क्स’ हैं. यह आज के समय के हिसाब से बहुत पुरातन हो चुका है.’
वह सोनिया गांधी और राहुल गांधी की ओर से हाल ही में भूमि अधिग्रहण विधेयक तथा कारपोरेट को कर संबंधी छूट पर दिखाई गई आक्रमकता से जुडे सवाल का जवाब दे रहे थे. जेटली ने कांग्रेस नेताओं पर हमले के लिए जीएसटी विधेयक, भूमि विधेयक और रियल स्टेट विधेयक के तौर पर तीन उदाहरण दिये.