1984 दंगा: अदालत का सीबीआई को एक आरोपी की मौत की जांच का निर्देश

नयी दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने सीबीआई को निर्देश दिया कि वह 1984 के सिख विरोधी दंगा मामले में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार के साथ मुकदमे का सामना कर रहे आरोपियों में से एक की मौत के बारे में तथ्यों की जांच करे. जिला न्यायाधीश राकेश सिद्धार्थ ने एजेंसी को जांच करके अदालत को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 18, 2015 9:56 PM

नयी दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने सीबीआई को निर्देश दिया कि वह 1984 के सिख विरोधी दंगा मामले में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार के साथ मुकदमे का सामना कर रहे आरोपियों में से एक की मौत के बारे में तथ्यों की जांच करे.

जिला न्यायाधीश राकेश सिद्धार्थ ने एजेंसी को जांच करके अदालत को इस बारे में 17 जुलाई को सूचित करने का निर्देश दिया.अदालत से सीबीआई अभियोजक डी पी सिंह ने कहा कि आरोपी पीरिया की कल मौत हो गई लेकिन एजेंसी को अभी इस तथ्य का सत्यापन करना है.

न्यायाधीश ने यह भी कहा कि अभियोजन पक्ष की गवाह प्रेम कौर का आरोपी पीरिया की मौत की वजह से परीक्षण नहीं किया जा सका. कौर अदालत में मौजूद थीं.

अदालत ने हालांकि कहा, ‘‘गवाह आ रहे हैं और परीक्षण किए बिना लौट रहे हैं.’’ इसपर अभियोजक ने कहा कि एक मौके पर वकीलों की हडताल के कारण गवाहों का परीक्षण नहीं हो सका और एक अन्य सुनवाई में वह खुद आई थी और उसे तलब नहीं किया गया था.

अदालत को यह भी सूचित किया गया कि एक अन्य आरोपी वेद प्रकाश अस्पताल में भर्ती है.अदालत ने आरोपी की जांच और मामले में साक्ष्य दर्ज करने के लिए 17 जुलाई की तारीख निर्धारित की.

सज्जन कुमार, ब्रह्मानंद गुप्ता, पीरिया और वेद प्रकाश पश्चिमी दिल्ली के सुल्तानपुरी इलाके में सुरजीत सिंह की हत्या के मामले में हत्या और दंगे के आरोपों में मुकदमे का सामना कर रहे हैं.

अदालत ने जुलाई 2010 में कुमार, गुप्ता, पीरिया, कुशल सिंह और वेद प्रकाश के खिलाफ दंगों में सुल्तानपुरी में एक व्यक्ति की हत्या के सिलसिले में हत्या और दंगा समेत विभिन्न आरोपों को लेकर आरोप तय किए थे. यह दंगा तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 31 अक्तूबर 1984 को हत्या के बाद हुआ था. आरोपी कुशल सिंह की तब से मौत हो चुकी है.

निचली अदालत ने मामले में आरोपी के खिलाफ दो समुदायों के बीच शत्रुता फैलाने के अपराध में आरोप तय किए थे.

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