दामिनी, उसके परिवार को न्याय मिला : शिंदे
मुंबई: केंद्रीय गृह मंत्री सुशीलकुमार शिंदे ने दिल्ली सामूहिक बलात्कार मामले में चार दोषियों को मृत्युदंड सुनाए जाने का स्वागत करते हुए आज कहा कि पीड़ित और उसके परिवार को इंसाफ मिला है. शिंदे ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह दुर्लभतम मामला था..दामिनी और उसके परिवार को न्याय मिला है. मैं अदालत के आदेश का […]
मुंबई: केंद्रीय गृह मंत्री सुशीलकुमार शिंदे ने दिल्ली सामूहिक बलात्कार मामले में चार दोषियों को मृत्युदंड सुनाए जाने का स्वागत करते हुए आज कहा कि पीड़ित और उसके परिवार को इंसाफ मिला है.
शिंदे ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह दुर्लभतम मामला था..दामिनी और उसके परिवार को न्याय मिला है. मैं अदालत के आदेश का स्वागत करता हूं.’’ मंत्री ने कहा, ‘‘न्याय देवता ने ऐसे अपराधियों के लिए नया उदाहरण पेश किया है कि अगर आप ऐसे घृणित अपराध करेंगे तो आप को सख्त सजा मिलेगी.’’ उल्लेखनीय है कि पिछले साल 16 दिसंबर को दिल्ली में हुए सामूहिक बलात्कार और हत्या के बहुचर्चित मामले में त्वरित अदालत ने चारों दोषियों को मौत की सजा सुनायी है. उन्होंने कहा, ‘‘उस घटना के बाद देश में एक माहौल था…हमें ऐसी सजा की उम्मीद थी.’’ बचाव पक्ष के वकील एपी सिंह ने दावा किया था कि फैसला राजनीतिक दबाव में दिया गया है. इस दावे का परोक्ष जिक्र करते हुए शिंदे ने कहा, ‘‘न्यायपालिका कानून का पालन करती है न कि राजनीतिक दबाव का.
शिंदे ने न्यायमूर्ति वर्मा समिति की उस रिपोर्ट पर आधारित कानून का जिक्र किया जिसमें अपराध कानून में संशोधन का सुझाव दिया गया है ताकि महिलाओं के खिलाफ यौन अपराध मामलों में त्वरित सुनवाई और अपराधियों को अधिक सख्त सजा सुनायी जा सके.उन्होंने कहा कि नए कानून में दुर्लभतम मामलों के लिए फांसी की सजा का प्रावधान किया गया है.
शिंदे ने कहा, ‘‘ हमने पुलिस में खामी पर गौर किया… हमने हर थाने में एक महिला पुलिस अधिकारी की नियुक्ति का प्रावधान किया है ताकि पीड़ित महिलाओं को प्राथमिकी दर्ज कराने में आसानी हो.’’उन्होंने कहा, ‘‘ महिला अधिकारी के रहने पर महिलाओं को शिकायत दर्ज कराने में सहूलियत होती है.’’ पिछले महीने मुंबई के शक्ति मिल सामूहिक बलात्कार मामले पर शिंदे ने कहा, ‘‘ मैं पूरी तरह से आश्वस्त हूं कि राज्य सरकार मामले को तेजी से निपटाएगी. लेकिन इसकी कोई आवश्यकता नहीं है कि किसी राज्य सरकार पर दबाव बनाया जाए. मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने भी दिल्ली की अदालत के फैसले का स्वागत किया और कहा, ‘‘ भविष्य में किसी को भी ऐसे घृणित अपराध करने की हिम्मत नहीं हो.’’ मौत की सजा सुनाए गए अभियुक्तों की दया याचिकाओं के बारे में पूछे गए एक सवाल पर शिंदे ने कहा, ‘‘ अभी गृह मंत्रालय में ऐसा कोई भी मामला लंबित नहीं है.. सभी का फैसला कर दिया गया है. लेकिन दुर्भाग्य से वे अदालतों में लंबित हैं.’’