केजरीवाल से पहले नजीब जंग मिले राष्ट्रपति से, अधिकारियों के तबादलों से अवगत कराया

नयी दिल्लीः दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल नजीब जंग के बीच जारी जंग को लेकर एक अन्य महत्वपूर्ण घटनाक्रम में उपराज्यपाल नजीब जंग ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की. हालांकि इस मुलाकात को लेकर बताया जा रहा है कि उपराज्यपाल दिल्ली सरकार में वरिष्ठ नौकरशाहों के तबादले और तैनाती से संबंधित मुद्दों से अवगत कराने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 19, 2015 3:42 PM

नयी दिल्लीः दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल नजीब जंग के बीच जारी जंग को लेकर एक अन्य महत्वपूर्ण घटनाक्रम में उपराज्यपाल नजीब जंग ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की. हालांकि इस मुलाकात को लेकर बताया जा रहा है कि उपराज्यपाल दिल्ली सरकार में वरिष्ठ नौकरशाहों के तबादले और तैनाती से संबंधित मुद्दों से अवगत कराने के लिए राष्ट्रपति से मिले.दूसरी ओर उपराज्यपाल नजीब जंग ने आज गृह मंत्री राजनाथ सिंह से भेंट की और उन्हें नौकरशाहों की नियुक्ति को लेकर चल रहे गतिरोध से अवगत कराया.

गौरतलब है कि प्रधान सचिव की नियुक्ति मामले में आज शाम छह बजे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात करेंगे. इस मुलाकात के दौरान वह नौकरशाहों की नियुक्ति जैसे मुद्दों तथा उपराज्यपाल नजीब जंग द्वारा अन्य ‘‘एकतरफा कार्रवाई’’ के मुद्दों को उठायेंगे. ऐसा माना जा रहा है कि नजीब जंग इस मुद्दे को लेकर भी राष्ट्रपति से चर्चा कर सकते हैं. शनिवार को, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के कार्यवाहक मुख्य सचिव के रुप में शकुंतला गैमलिन की नियुक्ति को लेकर उपराज्यपाल के साथ अपने विवाद के बाद मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपति से मुलाकात का समय मांगा था.

सूत्रों ने बताया कि केजरीवाल राष्ट्रपति के साथ अपनी इस मुलाकात के दौरान नौकरशाहों के स्थानांतरण एवं पदस्थापन सहित चुनी हुई सरकार की राय को नजरअंदाज कर उपराज्यपाल द्वारा लिये गये सभी ‘‘एकतरफा फैसलों’’ को सामने रखेंगे. सूत्रों ने बताया कि केजरीवाल उपराज्यपाल के कार्यालय की भूमिका और क्षेत्रधिकार पर भी चर्चा करेंगे. कार्यवाहक मुख्य सचिव के तौर पर शकुंतला गैमलिन की नियुक्ति के मुद्दे को लेकर उपराज्यपाल और आम आदमी पार्टी की सरकार के बीच टकराव खुलकर सामने आ गया है.

दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल नजीब जंग के बीच नियुक्तियों को लेकर जारी विवाद में आप के निष्कासित नेताओं योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण द्वारा गठित समूह स्वराज अभियान ने दिल्ली सरकार का समर्थन किया है. यादव और भूषण ने कहा कि लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित एक सरकार की पसंद का सम्मान किया जाना चाहिए. स्वराज अभियान ने हालांकि ‘तुच्छ’ राजनीतिक लडाई में नौकरशाही को घसीटने की निंदा की.

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