वाशिंगटन : ओबामा प्रशासन ने सीरिया के खिलाफ सैन्य कार्रवाई को लेकर अमेरिका और भारत के बीच मतभेद की बात को स्वीकार करते हुए कहा है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को अंतरराष्ट्रीय कानून लागू करने की जरुरत है, लेकिन इसका कार्यान्वयन इस तरह से नहीं होना चाहिए कि असद जैसा व्यक्ति बच सके.
अमेरिका के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कल संवाददाताओं से कहा, ‘‘सामान्य तौर पर हम स्वीकार करते हैं कि भारत सैन्य कार्रवाई को लेकर आम तौर पर चुप रहा है और सुरक्षा परिषद पर ज्यादा जोर देता रहा है.’’ भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अनुमति के बगैर सीरिया के खिलाफ किसी भी एकतरफा सैन्य कार्रवाई का विरोध किया है.
अधिकारी ने कहा, ‘‘बात यह है कि अमेरिका ने सुरक्षा की लेकर भारत की अकांक्षाओं के प्रति समर्थन जताया है. यह महत्वपूर्ण है कि सुरक्षा परिषद काम कर सके.’’ इस अधिकारी ने कहा, ‘‘ऐसे में भारत बड़ी जिम्मेदारी लेता दिखाई देता है और इस प्रयास में अमेरिका उसका समर्थन करता है. हम सुरक्षा परिषद को काम करने में सक्षम माध्यम बनाने के लिए प्रयास जारी रखेंगे ताकि अंतरराष्ट्रीय कानून लागू हो सके. कानून का कार्यान्वयन इस तरह से नहीं होना चाहिए कि यह असद जैसे किसी व्यक्ति को बचाये.’’