मीरवाइज की पिता की वरसी पर घाटी बंद, अलगाववादियों ने कहा शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर रोक जले पर नमक छिडकने जैसा

श्रीनगर : हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के उदारवादी धडे के दो नेताओं की बरसी पर रैली आयोजित करने की संगठन की योजना को विफल करने के मकसद से जम्मू कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी के छह पुलिस थाना क्षेत्रों में आज अधिकारियों ने प्रतिबंध लगा दिए. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 21, 2015 2:06 PM
श्रीनगर : हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के उदारवादी धडे के दो नेताओं की बरसी पर रैली आयोजित करने की संगठन की योजना को विफल करने के मकसद से जम्मू कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी के छह पुलिस थाना क्षेत्रों में आज अधिकारियों ने प्रतिबंध लगा दिए. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए एहतियात के तौर पर खानयार, सफाकदल, महाराज गंज, नौहत्ता, रैनावारी और मैसूमा पुलिस थाना क्षेत्र के इलाकों में लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. उन्होंने बताया कि पुराने शहर के ईदगाह इलाके में हुर्रियत कॉन्फ्रेंस की रैली के दौरान कानून व्यवस्था की समस्या उत्पन्न होने की आशंका है.
अधिकारी ने बताया कि समूची घाटी में स्थिति अब तक शांतिपूर्ण है और कहीं से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है. हुर्रियत अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारुक को उनके पिता की बरसी के मौके पर एक रैली के आयोजन से एक दिन पहले कल एहतियातन नजरबंद कर दिया गया था. 1990 में बंदूकधारियों ने मीरवाइज के पिता की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस कदम की आलोचना करते हुए हुर्रियत के प्रवक्ता ने कहा, मीरवाइज के पिता मीरवाइज मोहम्मद फारुक और हुर्रियत नेता अब्दुल गनी लोन की याद में जब कश्मीरी शांतिपूर्ण तरीके से हफ्ता शहादत मना रहे हैं, ऐसे में उन्हें नजरबंद करना कश्मीरियों के जख्मों पर नमक छिडकने जैसा है.
आतंकवादियों ने 21 मई 1990 को फारुक की गोली मारकर हत्या कर दी थी और 2002 में उसी दिन मीरवाइज की याद में आयोजित रैली के दौरान कट्टरपंथियों ने अब्दुल गनी लोन को भी गोली मार दी थी. बहरहाल, मारे गए नेताओं की याद में उनकी बरसी के मौके पर हुर्रियत ने हडताल का आह्वान किया था, जिसके कारण घाटी में आम जनजीवन प्रभावित हुआ. घाटी के अधिकतर इलाकों में स्कूल और कारोबारी संस्थान बंद रहे हालांकि शहर के अंदरुनी हिस्सों में मौजूद कुछ स्कूल खुले रहे. अधिकारियों ने बताया कि सार्वजनिक परिवहन सडकों से नदारद रहे लेकिन निजी वाहनों को शहर और घाटी के अन्य हिस्सों की सडकों पर चलते देखा गया.

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