बिहारियों के खिलाफ भड़काऊ टिप्पणी मामला : हाइकोर्ट ने राज ठाकरे के खिलाफ सुनवाई पर रोक लगाई

नयी दिल्ली : साल 2008 के बिहार के लोगों के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय ने वर्ष 2008 में बिहार के लोगों के खिलाफ कथित टिप्पणी करने के मामले में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे के खिलाफ दर्ज विभिन्न मामलों में आज सुनवाई पर रोक लगा दी. न्यायमूर्ति सुनील गौड की पीठ ने कहा, निचली […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 21, 2015 3:47 PM
नयी दिल्ली : साल 2008 के बिहार के लोगों के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय ने वर्ष 2008 में बिहार के लोगों के खिलाफ कथित टिप्पणी करने के मामले में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे के खिलाफ दर्ज विभिन्न मामलों में आज सुनवाई पर रोक लगा दी.
न्यायमूर्ति सुनील गौड की पीठ ने कहा, निचली अदालत के समक्ष सुनवाई पर रोक लगायी जाती है. अदालत ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि कोई भी शिकायतकर्ता मामले के प्रति गंभीर नहीं है जिनकी शिकायतों पर निचली अदालत ने राज ठाकरे को तलब किया था. न्यायाधीश ने यह भी कहा कि इस अदालत के समक्ष सूचीबद्ध मामले में भी कोई शिकायतकर्ता दिखाई नहीं दिया.
इसके पूर्व, अदालत ने 12 फरवरी को प्रतिवादियों में शामिल आठ व्यक्तियों को नोटिस जारी किए थे. इन लोगों ने राज ठाकरे के खिलाफ अलग-अलग शिकायतें दायर की थीं और एमएनएस प्रमुख की याचिका पर उनका जवाब मांगा था.
गौरतलब है कि मनसे प्रमुख राज ठाकरे निचली अदालत में सुनवाई पर रोक लगवाने और कथित भडकाऊ टिप्पणियों के लिए अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक शिकायतों को निरस्त कराने के लिए उच्च न्यायालय पहुंचे हैं. इस मामले में ठाकरे की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अरविन्द निगम ने अदालत के समक्ष दलील दी कि स्वीकृति की अनुपस्थिति में निचली अदालत के समक्ष सुनवाई निराधार है.
इसके पहले 30 जनवरी 2013 को इस मामले में अदालत ने गैर जमानती वारंटों के कार्यान्वयन पर रोक लगा दी थी और मामले को एमएनएस प्रमुख द्वारा दायर की गई याचिकाओं के साथ नत्थी कर दिया था. ये सभी मामले सुनवाई के लिए अब 12 अक्तूबर को आएंगे. राज ठाकरे के खिलाफ दिल्ली, झारखंड और बिहार सहित विभिन्न स्थानों पर शिकायतें दायर की गई थीं.

Next Article

Exit mobile version