नयी दिल्ली : भारत ने एवरेस्ट फतह के 50 साल पूरे कर लिए. 20 मई 1965 की सुबह साढ़े नौ बजे एवरेस्ट पर पहली बार तिरंगा फहराया गया था. राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने एवरेस्ट फतह के 50 साल पूरे होने पर आयोजित स्वर्ण जयंती समारोह के उद्घाटन कार्यक्रम में कहा कि पारिस्थतीकी पर खतरा बढ़ गया है. हमें इसकी सुरक्षा के लिए काम करने की जरूरत है और हिमालय पर पर्यावरण संरक्षण का काम इस दिशा में सबसे बड़ा सेवा है.
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भारत का एवरेस्ट फतह के 50 साल पूरे , मनाया गया स्वर्ण जयंती समारोह
नयी दिल्ली : भारत ने एवरेस्ट फतह के 50 साल पूरे कर लिए. 20 मई 1965 की सुबह साढ़े नौ बजे एवरेस्ट पर पहली बार तिरंगा फहराया गया था. राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने एवरेस्ट फतह के 50 साल पूरे होने पर आयोजित स्वर्ण जयंती समारोह के उद्घाटन कार्यक्रम में कहा कि पारिस्थतीकी पर खतरा बढ़ […]
राष्ट्रपति ने कहा कि देश का पहला पर्वता रोही दल 20 मई 1965 को एवरेस्ट पहुंचा था इस दिन देश ने इस क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है. उन्होंने कहा कि देश की पहली एवरेस्ट विजेता महिला बछेन्द्री पाल आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणास्त्रोत बन गयी. राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने एवरेस्ट विजेता के जीवीत लोगो की दीर्घायु की कामना की और जिनका निधन हो गया है उन्हें श्रद्धांजलि दी .
एवरेस्ट फतह करने वाला भारत दल के नेता कैप्टन महेन्द्र सिंह कोहली ने कहा कि 50 साल पहले 20 मई को सुबह साढ़े नौ बजे भारत नेे तिरंगा फहराया था. गौरतलब है कि एवरेस्ट फतह करने वालों में 19 सदस्य थे .जिसमे से दस अब इस दुनिया में नही है. अभियान में शामिल रहे नौ सदस्य पिछले दिनों प्रधानमंत्री से मिले थे . इनमे गुरदयाल सिंह, मेजर एचपीएस अहूलवालिया , सीपी वोहरा, सोनम वांग्याल , जी एस भंगू, ब्रिगेडियर मुल्कराज और डा लता तेलंग ने मोदी से मुलाकात की थी.
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