दिनकर जी के सपनों को सच करने के लिए बिहार को जातिवाद से निकालें : नरेंद्र मोदी

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की रचना के 50 साल पूरे होने पर राजधानी में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि दिनकर जी का सपना था कि बिहार आगे बढे, तेजस्वी व ओजस्वी हो. उसे आगे बढने का अवसर मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 22, 2015 11:44 AM
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की रचना के 50 साल पूरे होने पर राजधानी में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि दिनकर जी का सपना था कि बिहार आगे बढे, तेजस्वी व ओजस्वी हो. उसे आगे बढने का अवसर मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर बिहार को एक बार अवसर मिल गया तो वह औरों को पीछे छोड कर आगे निकल जायेगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1961 में दिनकर जी की लिखी उस पंक्ति को उद्धृत किया कि बिहार को सुधारने के लिए जाति के दायरे से बाहर निकलना जरूरी है. एक या दो जातियों के समर्थन से राज नहीं चलता है. वह बहुतों के समर्थन से चलता है. उन्होंने कहा कि अगर बिहार जातिवाद से नहीं उबरा तो समाज गल जायेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये बातें आज भी सच हैं. उन्होंने कहा कि दिनकर जी का स्वपA हमें आज भी प्रेरणा देता है, उनका आशीर्वाद हम पर बना रहे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाजपा नेता सीपी ठाकुर द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. ठाकुर ने यह आयोजन दिनकर जी की पुस्तक संस्कृति के चार अध्याय और परशुराम की प्रतीज्ञा के 50 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में किया था. उन्होंने कहा कि दिनकर जी का साहित्य खेत-खलिहान और गांव-गरीब से निकला. उन्होंने कहा कि जयप्रकाश नारायण की उम्र व युवा पीढी के आंदोलन की शक्ति में दिनकर जी की कविताओं ने सेतु का काम किया था. वही कविता युवा गाते थे. उनकी कविताएं नौजवानों को जगाती थी. उनकी कविताएं युवाओं को सोने नहीं देती थी और जब तक समाज सोया है, तबतक युवा सो नहीं सकता है.

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