आतंकवादी को मारने के लिए आतंकवादी बनाना पड़े तो कोई गलत बात नहीं : मनोहर पर्रिकर
देश के रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज आतंकवाद से निपटने के लिए इस्तेमाल किये जाने वाले तौर-तरीकों को लेकर एक बयान देकर देशभर में एक नयी तरह की बहस छेड़ने का मौका दे दिया है.मनोहर पर्रिकर ने कहा है कि सीमा पार आतंकवादियों को नेस्तानाबूत करने के लिए अगर आतंकवादी बनाना पड़े तो कोई […]
देश के रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज आतंकवाद से निपटने के लिए इस्तेमाल किये जाने वाले तौर-तरीकों को लेकर एक बयान देकर देशभर में एक नयी तरह की बहस छेड़ने का मौका दे दिया है.मनोहर पर्रिकर ने कहा है कि सीमा पार आतंकवादियों को नेस्तानाबूत करने के लिए अगर आतंकवादी बनाना पड़े तो कोई गलत बात नहीं है.
आतंकवाद से आतंकवाद का खात्मा करना, कुछ ऐसा ही है, जैसे कांटे से कांटे को निकालना. रक्षा मंत्री ने कहा कि खुफिया जानकारी जुटाकर भारतीय सेना आतंकवादियों के खात्मे में लगी हुई है. मनेाहर पर्रिकर ने कहा कि पिछले एक साल में पाकिस्तान से लगी भारतीय सीमा पर घुसपैठ और गोलीबारी में 30 फीसदी की कमी आई है.
पर्रिकर ने अंग्रीजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से विशेष बातचीत में कहा कि सीमा पर स्थिति अब काफी नियंत्रण में है. आतंकवादियों के खिलाफ हमारी रणनीति पहले उन्हें पहचानने और फिर उन्हें समाप्त करने में हैं. इसके लिए खुफिया तंत्र का पूरा सहयोग लिया जा रहा है. आतंकवादियों को मारने के लिए खुफिया जानकारी जुटाने के तरीके से जानमाल का नुकसान कम हो रहा है. पर्रिकर ने कहा कि 2014 में भी सेना ने 110 आतंकियों को निशाना बनाया था, जो पिछले चार सालों में सबसे ज्यादा है.
गौरतलब है कि आज रक्षामंत्री का दो दिवसीय जम्मू-कश्मीर दौरा शुरू हो रहा है. इससे पूर्व ही रक्षामंत्री ने आतंकवाद के खात्मे के लिए आतंकवाद का सहारा लेने का बात कही है. पर्रिकर ने कहा कि आतंकी संगठनों के बीच भेदभाव का फायदा उनका खात्मा करने और उनके खिलाफ जानकारी जुटाने में किया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि कई लोगों को पैसों की कमी के चलते आतंकवाद में धकेला जाता है, अगर ऐसे लोग हैं तो उनका इस्तेमाल क्यों न किया जाए? आतंकियों को आतंकियों के खिलाफ इस्तेमाल करने में क्या नुकसान है? हमेशा हमारे सैनिक ही क्यों आगे रहें?