राष्ट्रकवि दिनकर को भारत रत्न से सम्मानित करने की मांग

नयी दिल्ली: राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर को साहित्य में उनके योगदान को देखते हुए मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित करने की शुक्रवार को मांग की गयी. रामधारी सिंह दिनकर की दो महत्वपूर्ण कृतियों संस्कृति के चार अध्याय और परशुराम की प्रतीक्षा के स्वर्ण जयंति वर्ष के अवसर पर यहां आयोजित समारोह में सांसद और पूर्व […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 22, 2015 3:52 PM

नयी दिल्ली: राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर को साहित्य में उनके योगदान को देखते हुए मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित करने की शुक्रवार को मांग की गयी. रामधारी सिंह दिनकर की दो महत्वपूर्ण कृतियों संस्कृति के चार अध्याय और परशुराम की प्रतीक्षा के स्वर्ण जयंति वर्ष के अवसर पर यहां आयोजित समारोह में सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री सीपी ठाकुर ने आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में सरकार से भारतरत्न के लिए दिनकर के नाम पर विचार करने का आग्रह किया.

कार्यक्रम की आयोजन समिति के अध्यक्ष सीपी ठाकुर ने कहा दिनकर जी की कविताओं में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की प्रखरता है. विशेष रुप से संस्कृति के चार अध्याय में उन्होंने संपूर्ण भारत के इतिहास को रेखांकित किया. उन्होंने इसके माध्यम से भारत में सांस्कृतिक चेतना को जगाने का काम किया. परशुराम की प्रतीक्षा से उन्होंने 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद भारतीयों की चेतना को जगाने का काम किया. उन्होंने हिंदी के विकास में दिनकर के योगदान की चर्चा करते हुए सरकार से इसे बढ़ावा देने पर बल देने की अपील की.

गीतकार प्रसून जोशी ने समारोह में दिनकर की कुछ कविताओं का पाठ किया. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आज के समय में हिंदी का मान बढ़ाने वाला व्यक्तित्व बताया. उन्होंने संस्कृति के चार अध्याय को हिंदी की बेजोड़ रचना बताते हुए सभ्यता और संस्कृति के संबंध में इस किताब के महत्व को रेखांकित किया. समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिनकर के परिवार के सदस्यों को शॉल भेंटकर उनका सम्मान किया. इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, राधामोहन सिंह और गिरिराज सिंह, भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी समेत बिहार भाजपा के कई वरिष्ठ नेता और साहित्यकार उपस्थित थे.

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