जेटली ने गिनायी मोदी सरकार की एक साल की उपलब्धियां, कहा विश्व में बढ़ा है भारत का मान

नयी दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि केंद्र में पिछले एक साल में निर्णायक और भ्रष्टाचार मुक्त शासन से दहाई अंक की वृद्धि दर का मंच तैयार हुआ है. उन्होंने भारत में कारोबार करना आसान बनाने के लिए आर्थिक सुधारों को जारी रखने का भी वादा किया. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 22, 2015 4:19 PM

नयी दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि केंद्र में पिछले एक साल में निर्णायक और भ्रष्टाचार मुक्त शासन से दहाई अंक की वृद्धि दर का मंच तैयार हुआ है. उन्होंने भारत में कारोबार करना आसान बनाने के लिए आर्थिक सुधारों को जारी रखने का भी वादा किया. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के एक साल के शासन में भारत का मान बढा है.

जेटली ने जीएसटी और भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन जैसे सुधारवादी कदमों की राह में बाधा खडी कर वृद्धि एवं विकास विरोधी रुख अपनाने के लिये कांग्रेस पार्टी की आलोचना भी की.

नरेंद्र मोदी सरकार के एक साल पूरा होने के पहले यहां संवाददाताओं से बातचीत में वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘सरकार की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि देश में भ्रष्टाचार मुक्त शासन रहा है. आम लोगों को राजनीतिक भ्रष्टाचार से मुक्ति मिली है, हमने यह एक साल में कर दिखाया है.’’

जेटली ने जीएसटी और जमीन अधिग्रहण विधेयक को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता जतायी. साथ ही ग्रामीण विकास एवं बुनियादी ढांचे के लिये और कोष उपलब्ध कराने का वादा किया.उन्होंने कहा कि आर्थिक वृद्धि दर 7.5 से 8 प्रतिशत रही है और इससे भी तीव्र वृद्धि हासिल करने की एक बेचैनी है जो देश की वास्तविक संभावना है.

वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘एक साल पहले, निराशावाद का माहौल था. उदासी का वातावरण था. ऐसे हालात में उत्साह का माहौल बना है.’’ उन्होंने कहा कि बाधाओं के बीच निर्णय की क्षमता मोदी सरकार की विशेषता रही है.

अधिसूचना के अनुसार, लोक व्यवस्था, पुलिस, भूमि और सेवा दिल्ली के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की विधानसभा के दायरे से बाहर है और इसलिए दिल्ली की एनसीटी सरकार के पास इन विषयों पर कोई कार्यकारी शक्ति नहीं है.इसमें कहा गया कि भ्रष्टाचार निरोधक शाखा पुलिस थाना केंद्र सरकार की सेवाओं वाले अधिकारियों, कर्मचारियों और पदाधिकारियों के खिलाफ अपराधों पर संज्ञान नहीं लेगा.

उपराज्यपाल द्वारा बीते सप्ताह वरिष्ठ नौकरशाह शकुंतला गैमलिन को कार्यवाहक मुख्य सचिव नियुक्त करने से सत्तारुढ आप और उपराज्यपाल के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो गई थी और केजरीवाल ने उपराज्यपाल के अधिकार पर सवाल खडे करते हुए उन पर प्रशासन पर नियंत्रण हासिल करने का प्रयास करने का आरोप लगाया.

Next Article

Exit mobile version