देश को चाहिए मजबूत नेतृत्व:नरेंद्र मोदी
सेना से सीखें धर्मनिरपेक्षतारेवाड़ी (हरियाणा):भाजपा के प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किये जाने के बाद रविवार को रेवाड़ी में अपनी पहली रैली में नरेंद्र मोदी ने केंद्र में मजबूत नेतृत्व की पुरजोर वकालत की और सेना को धर्मनिरपेक्षता का प्रतीक बताया. कहा कि देश की सीमाओं पर समस्याएं सेना में कमी की वजह से नहीं, […]
सेना से सीखें धर्मनिरपेक्षता
रेवाड़ी के अहीरवाल क्षेत्र में पूर्व सैन्यकर्मियों की रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि युद्धक्षेत्र में नेतृत्व क्षमता ही देखी जाती है. वैसे भी समाधान दिल्ली में ही खोजना होगा. हल तभी निकलेगा जब केंद्र में एक सक्षम, देशभक्त और लोकोन्मुख सरकार हो.
दी है दिल्ली को चुनौती
कुछ अलग सोचें
युवा आएं आगे
पड़ोसी को नसीहत
मोदी ने कहा कि अगर पाकिस्तान, बांग्लादेश और भारत जंग लड़ना चाहते हैं तो यह गरीबी और निरक्षरता के खिलाफ होनी चाहिए. मैं पाकिस्तानी मित्रों को बताना चाहता हूं कि बम और पिस्तौल समाधान नहीं हैं.
हां, नेतृत्व ही कमजोर
पूर्व सेना प्रमुख जनरल सिंह ने कहा कि भारतीय सशस्त्र बल में क्षमता का अभाव नहीं है. उन्होंने कहा, अगर हम कमजोर हैं तो हमारे नेतृत्व के कारण. राजनैतिक दलों से एक रैंक, एक पेंशन पर सहमत होने का अनुरोध करते हुए सिंह ने कुछ दिन पहले कहा था कि पूर्व सैन्यकर्मियों, सेवारत सैन्यकर्मियों और हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में बसे उनके परिवार का 10 करोड़ वोट है और राजनैतिक दल इस मांग को स्वीकार कर इसे भुना सकते हैं.
मोदी भ्रमित व हताश
नरेंद्र मोदी पर भ्रमित और हताश होने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने कहा कि उन्हें भाजपा के प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने का फैसला संघ ने लिया है और भाजपा ने समर्थन जताया है. केंद्रीय वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा ने कहा, मोदी कभी नम्र नहीं दिखायी दिये. वे ऐसे मंच से जनसभाओं को संबोधित कर रहे हैं जिनमें लाल किले और संसद की प्रतिकृति बनायी जाती है. यह दिखाता है कि वह भ्रम में हैं, हताश हैं.