शीला दीक्षित को राहत, राष्ट्रपति ने लोकायुक्त की सिफारिश खारिज की
नयी दिल्ली: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दिल्ली लोकायुक्त की इन सिफारिशों को खारिज कर दिया कि मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को वर्ष 2008 विधानसभा चुनावों से पूर्व विज्ञापन पर सार्वजनिक कोष के कथित दुरुपयोग के लिए ‘चेतावनी’ दी जाए और उनसे या कांग्रेस से 11 करोड़ रुपये वसूले जाएं.आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि लोकायुक्त द्वारा इस […]
नयी दिल्ली: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दिल्ली लोकायुक्त की इन सिफारिशों को खारिज कर दिया कि मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को वर्ष 2008 विधानसभा चुनावों से पूर्व विज्ञापन पर सार्वजनिक कोष के कथित दुरुपयोग के लिए ‘चेतावनी’ दी जाए और उनसे या कांग्रेस से 11 करोड़ रुपये वसूले जाएं.आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि लोकायुक्त द्वारा इस मामले में मई में की गई सिफारिशों को राष्ट्रपति ने खारिज कर दिया.
इस फैसले से एक पखवाड़े पूर्व दिल्ली की एक अदालत ने इसी मामले में शीला दीक्षित और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश दिये थे। हालांकि उच्च न्यायालय ने इस आदेश पर 19 सितंबर तक के लिए रोक लगा दी.
लोकायुक्त न्यायमूर्ति मनमोहन सरीन ने राष्ट्रपति से सिफारिश की थी कि वर्ष 2007 .08 में ‘दिल्ली बदल रही है’ नारे के साथ प्रिंट और आउटडोर मीडिया में कई विज्ञापन के लिए सार्वजनिक कोष का कथित रुप से दुरुपयोग करने के लिए ‘चेतावनी’ दी जाए.जब यह विज्ञापन अभियान चल था, तब सूचना एवं प्रचार विभाग का जिम्मा मुख्यमंत्री के पास ही था. गौरतलब है कि दिल्ली भाजपा के नेता विजेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया था कि शीला ने विज्ञापन अभियान में 22.56 करोड़ रुपये के सरकारी कोष का दुरुपयोग किया था.लोकायुक्त ने वर्ष 2009 में दायर शिकायत के बाद इस मामले में जांच शुरु की थी.