शिंदे ने कहा, राजनीतिक कारणों से नहीं दी गयी थी अफजल गुरु को फांसी

मुंबई : पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने आज नेशनल कांफ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला के इस दावे को खारिज कर दिया कि संसद पर हमला मामले में दोषी अफजल गुरु को संप्रग सरकार द्वारा राजनीतिक कारणों से फांसी दी गई थी. शिंदे ने कहा, उच्चतम न्यायालय ने फैसला दिया था. अफजल के खिलाफ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 24, 2015 5:43 PM

मुंबई : पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने आज नेशनल कांफ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला के इस दावे को खारिज कर दिया कि संसद पर हमला मामले में दोषी अफजल गुरु को संप्रग सरकार द्वारा राजनीतिक कारणों से फांसी दी गई थी.

शिंदे ने कहा, उच्चतम न्यायालय ने फैसला दिया था. अफजल के खिलाफ मामला उच्चतम न्यायालय में गया था. दया याचिका भी खारिज हो गयी थी. इन सब घटनाक्रम के बाद फैसला (अफजल को फांसी देने का. किया गया था. यह कोई राजनीतिक फैसला नहीं था.

यह पूछे जाने पर कि फांसी दिए जाने के समय अशांत राज्य के मुख्यमंत्री का पद संभाल रहे उमर ने किस वजह से अब ऐसा बयान दिया है, शिंदे ने कहा, हो सकता है कि वह वहां कश्मीर की राजनीति में शामिल होना चाहते हों. लेकिन उस समय उन्होंने यह पहलू (फांसी के पीछे राजनीति होने के बारे में) हमारे ध्यान में नहीं लाया.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, उच्चतम न्यायालय के आदेश और दया याचिका खारिज होने के बाद लोग उम्मीद कर रहे थे कि अफजल को फांसी दी जाएगी. उमर अब्दुल्ला ने दावा किया है कि संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु को संप्रग सरकार द्वारा राजनीतिक कारणों से फांसी दी गई थी और उन्हें इस बारे में फांसी से कुछ ही घंटे पहले सूचित किया गया था.

उमर ने कहा कि वह अपनी बहन के साथ रात का भोजन के लिए दिल्ली के एक रेस्तरां में गए थे और उसी दौरान तत्कालीन गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे का फोन आया कि उन्होंने अफजल गुरु के कागजात पर हस्ताक्षर कर दिए हैं और अगली सुबह उसे फांसी दी जाएगी तथा ऐसे में वह जम्मू-कश्मीर में कानून-व्यवस्था बनाए रखने का इंतजाम करें. अफजल गुरु को नौ फरवरी, 2013 को फांसी दी गई. मौत की सजा पाए कैदियों की सूची में उसका नंबर 28वां था.

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