रेलवे की अकाल मृत्यु होगा उसका निजीकरण : शिवगोपाल मिश्रा

बीकानेर : आल इंडिया रेलवे फेडरेशन के महामंत्री कॉमरेड शिवगोपाल मिश्रा ने कहा कि रेलवे का निजीकरण होने पर उसकी अकाल मृत्यु हो जायेगी. ऐसे हालात ब्रिटेन, स्वीडन सहित विश्व के अन्य देशों में हो चुके है जहां रेलवे को निजी हाथों में सौंपा गया है. मिश्रा ने आज यहां पत्रकारों बातचीत करते हुए कहा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 25, 2015 12:02 AM

बीकानेर : आल इंडिया रेलवे फेडरेशन के महामंत्री कॉमरेड शिवगोपाल मिश्रा ने कहा कि रेलवे का निजीकरण होने पर उसकी अकाल मृत्यु हो जायेगी. ऐसे हालात ब्रिटेन, स्वीडन सहित विश्व के अन्य देशों में हो चुके है जहां रेलवे को निजी हाथों में सौंपा गया है. मिश्रा ने आज यहां पत्रकारों बातचीत करते हुए कहा कि डॉ. विवेक राय कमेटी की अंतरिम रिपोर्ट में रेलवे को साफ तौर पर निजी हाथों में सौंपे जाने की अनुशंसा की गई है.

इस रिपोर्ट का जब विश्लेषण किया गया तो पता चला कि इसमें दिये गये सुझाव एवं सिफारिशे न सिर्फ भारतीय रेल के निजीकरण का रास्ता खोल रही हैं बल्कि यह रेलवे बोर्ड तथा भारतीय रेल की सशक्त आंतरिक संरचना को ध्वस्त कर रेल मंत्रालय को धीरे-धीरे समाप्त करने की योजना का प्रारुप है.

मिश्रा ने कहा कि इससे रेलवे की सुरक्षा को खतरा उत्पन्न होगा और यात्रियों पर भी बोझ पडेगा. इसका बडा कारण यह है कि रेलवे के संचालन हेतु अलग-अलग कंपनियों को व्यवस्थाएं सौंपी जाएंगी, आपसी तालमेल के अभाव में अहित केवल रेलवे और इसमें यात्रा करने वाले आम लोगों का होगा.

मिश्रा ने कहा कि 15 जून तक इस रिपोर्ट को सौंपा जायेगा. इस रिपोर्ट में यही बाते सामने आई तो संगठन 30 जून को काला दिवस मनायेगा. फिर भी सरकार नहीं चेती तो चरणबद्ध आंदोलन चलाकार इसको जनआंदोलन का रूप दिया जायेगा. उन्होंने बताया कि रेलवे से जुडे सभी संगठन भी इस आन्दोलन में उनके साथ हैं.

इसके अलावा केंद्र सरकार को 10 सूत्रीय मांगों का एक मांगपत्र भी सौंपा गया है. जिसमें खाली पडे पदों पर नियुक्ति करने, डीए को मूल वेतन में शामिल करने, अनुकंपा नौकरी देने, श्रम कानूनों में मालिकों के आधार पर बदलाव ने करने की पैरवी की गई है. इसको नहीं मानने की स्थिति में 23 नवम्बर को 26 लाख कार्मिक सामूहिक हडताल कर सरकार को चेतावनी देंगे.

Next Article

Exit mobile version