नागपुर : मोदी सरकार का एक वर्ष पूरा होने पर आरएसएस और विहिप ने अयोध्या में राम मंदिर बनाने का दबाव बनाया और भाजपा से कहा कि लोकसभा चुनावों में इस बारे में किए गए वादों को पूरा करे. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह संपर्क प्रमुख अरुण कुमार ने नागपुर में संवाददाताओं से कहा कि भाजपा सरकार को मतदाताओं के वादे पूरा करते हुए उनकी उम्मीदों पर खरा उतरना चाहिए. खासकर राम मंदिर बनाने और संविधान के अनुच्छेद 370 को खत्म करने के वादे को पूरा करना चाहिए.
विश्व हिंदू परिषद् ने सरकार से कहा कि अयोध्या में विवादित स्थल पर मंदिर बनाने के रास्ते में आ रही अडचनों को दूर करे. हरिद्वार में विहिप के दो दिवसीय केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल के पहले दिन पारित प्रस्ताव में कहा गया कि संतों का एक प्रतिनिधिमंडल बनाया जाएगा जो सरकार के समक्ष मामले को उठाएगा ताकि बाधाओं को दूर किया जा सके.
विहिप के एक प्रवक्ता ने कहा कि इसके अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगडिया और अध्यक्ष राघव रेड्डी बैठक में मौजूद हैं जहां मथुरा और वाराणसी के दो अन्य पवित्र स्थलों पर भी दावा कर हिंदुत्व के एजेंडे को बढ़ाया गया है.
विहिप ने बयान जारी कर कहा, केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल ने प्रस्ताव दिया है कि संतों का एक प्रतिनिधिमंडल केंद्र सरकार से संपर्क करेगा और राम मंदिर निर्माण के रास्ते में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए वार्ता करेगा. 1980 के दशक के अंतिम दिनों और 1990 के दशक के शुरुआती समय में राम मंदिर आंदोलन को लेकर ही भाजपा की राजनीति चमकी थी, लेकिन सत्ता में आने के बाद पार्टी ने इस जटिल मुद्दे को ठंडे बस्ते में डाल दिया है. पार्टी अदालत के फैसले या कानूनी विवाद में उलझे पक्षों के बीच वार्ता के माध्यम से इसका समाधान चाहती है.
विवादित स्थल पर मंदिर के साथ ही मस्जिद बनाने के फार्मूले को नकारते हुए विहिप ने कहा कि हिंदुओं के बडे पूजा स्थलों पर मुस्लिमों के पूजा स्थल की अनुमति नहीं दी जाएगी. स्वतंत्र भारत के पहले गृह मंत्री सरदार पटेल का हवाला देते हुए विहिप ने कहा कि उन्होंने सोमनाथ मंदिर बनवाया था और अब उनकी परंपरा को आगे बढाने का वक्त आ गया है. मोदी पटेल को अपना नायक मानते हैं.
विहिप ने कहा कि आजादी के 68 वर्ष बाद भी अयोध्या, मथुरा और वाराणसी में राम, कृष्ण और शिव के मंदिर नहीं जो दुख की बात है. विहिप ने कहा, इस्लामी हमलावरों ने हमारे 3000 से ज्यादा मंदिर और पवित्र स्थानों को तोड डाला. हमने उनमें से तीन की मांग की है… हमारी शालीनता को कमजोरी नहीं समझा जाना चाहिए.