ट्राई के पूर्व चैयरमैन का खुलासा, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सह पर हुआ टूजी घोटाला
नयी दिल्लीः पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर अपने कार्यकाल के दौरान टूजी और कोल ब्लॉक आबंटन को लेकर बड़े आरोप लगे हालांकि इन आरोपों के लेकर मनमोहन सिंह अपनी सफाई देते रहे हैं और कांग्रेस भी पूरी एकजुटता के साथ मनमोहन के साथ खड़ी नजर आयी. टूजी मामले में तत्कालीन ट्राई के चेयरमैन प्रदीप बैजाल […]
नयी दिल्लीः पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर अपने कार्यकाल के दौरान टूजी और कोल ब्लॉक आबंटन को लेकर बड़े आरोप लगे हालांकि इन आरोपों के लेकर मनमोहन सिंह अपनी सफाई देते रहे हैं और कांग्रेस भी पूरी एकजुटता के साथ मनमोहन के साथ खड़ी नजर आयी. टूजी मामले में तत्कालीन ट्राई के चेयरमैन प्रदीप बैजाल ने अपनी पुस्तक में इस घोटाले का ठिकरा मनमोहन सिंह पर फोड़ा है.
कांग्रेस लोकसभा चुनाव से पूर्व एक के बाद प्रकाशित होने वाले पुस्तक से परेशान थी. अब एक और पुस्तक बम कांग्रेस और पूर्व प्रधानमंत्री की छवि पर असर डालने के लिए तैयार है. टाइम्स ऑफ इंडिया में छपि खबर के अनुसार बैजाल की पुस्तक द कंप्लीट स्टोरी ऑफ इंडियन रिफॉर्म्सः टूजी पावर एंड प्राइवेट इंटरप्राइज में कई चौकाने वाले खुलासे किये है. इस किताब में उन्होंने घाटले के लिए सीधे तौर पर मनमोहन सिंह को जिम्मेदार ठहराते हुए लिखा है कि टूजी मामले में सहयोग ने करने पर इसका नुकसान उठाने की धमकी दी थी. अपनी मजबूरी जाहिर करते हुए उन्होंने लिखा है कि हमारी मुश्किल है कि करें तब भी परेशानी और ना करें तब भी दिक्कत.
बैजाल 2006 में रिटायर हुए थे कई सालों तक टूजी और अपनी संपत्तियों के मामले में कई सालों तक जांच का सामना करते रहे. उन्होंने लिखा है कि मैंने इस मामले में लोगों को समझाने की पूरी कोशिश की थी. मुझसे और इस मामले में जुड़े कई लोगों से पूछताच की जा रही है हमने इसमें प्रधानमंत्री और मंत्री के फैसले को आगे बढ़ाया था. इस मामले में मनमोहन सिंह से भी पूछताछ की जानी चाहिए.
बैजाल ने अपनी किताब में यह भी लिखा है कि उन्होंने 2004 में दयानिधि मारन को टैलीकॉम का विभाग दिये जाने का विरोध किया था लेकिन उनकी नहीं सुनी गयी. बैजाल ने लिखा है मुझे पता था कि वह खुद एक ब्रॉडकास्टर है. लेकिन मेरी बात पर किसी ने ध्यान नहीं दिया.