दिल्ली विधानसभा: विशेष सत्र में जोरदार हंगामा, बीजेपी विधायक को निकाला बाहर
नयी दिल्ली : दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र का पहला दिन काफी गहमा-गहमी वाला रहा. आम आदमी पार्टी के विधायक आदर्श शास्त्री ने उपराज्यपाल नजीब जंग के खिलाफ महाभियोग लाने का प्रस्ताव रखा.आदर्श शास्त्री ने कहा कि विधानसभा को यह प्रस्ताव पास करना चाहिए साथ ही धारा 155 और 156 में सुधार करना चाहिए. ऐसा […]
नयी दिल्ली : दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र का पहला दिन काफी गहमा-गहमी वाला रहा. आम आदमी पार्टी के विधायक आदर्श शास्त्री ने उपराज्यपाल नजीब जंग के खिलाफ महाभियोग लाने का प्रस्ताव रखा.आदर्श शास्त्री ने कहा कि विधानसभा को यह प्रस्ताव पास करना चाहिए साथ ही धारा 155 और 156 में सुधार करना चाहिए. ऐसा करने से राज्य के विधानसभा को उपराज्यपाल को हटाने की शक्ति प्राप्त होगी.
वहीं, विधानसभा से आज भाजपा विधायक को बाहर निकाल दिया गया. प्राप्त जानकारी के अनुसार आप की विधायक अलका लांबा ने नजीब जंग के खिलाफ टिप्पणी कर दी जो बीजेपी के विधायक ओम प्रकाश शर्मा को पसंद नहीं आयी और उन्होंने इसका विरोध किया. विधानसभा के अध्यक्ष राम निवास गोयल के आदेश के बाद मार्शलों ने ओम प्रकाश शर्मा को बाहर निकाल दिया.
इससे पहले आज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल से मुलाकात की. वहीं दूसरी ओर आज विधानसभा में केजरीवाल सरकार के मंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्र के द्वारा जारी नोटिफिकेशन के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया. इसके खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका भी दाखिल की गयी है जिसपर बुधवार को सुनवाई हो गयी. केजरीवाल ने उपराज्यपाल नजीब जंग से मुलाकात करके भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) के कामकाज पर चर्चा की.
दिल्ली उच्च न्यायालय ने कल अपने एक फैसले में कहा था कि एसीबी को दिल्ली पुलिसकर्मियों सहित केंद्र सरकार के अधिकारियों के खिलाफ जांच करने का अधिकार है. सूत्रों ने कहा कि इस बैठक में केजरीवाल ने उपराज्यपाल को एसीबी की शक्तियों के बारे में दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले और मुद्दे पर अपनी राय से अवगत कराया. यह बैठक करीब 20 मिनट तक चली. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और मुख्य सचिव के के शर्मा भी केजरीवाल के साथ थे.
यह बैठक ऐसे दिन हुई है जब दिल्ली विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र शुरू हुआ है. विधानसभा का यह सत्र केंद्र द्वारा जारी की गई उस अधिसूचना पर चर्चा के लिए बुलाया गया है जिसमें नौकरशाहों की नियुक्तियों और पुलिस एवं सार्वजनिक व्यवस्था से जुडे मुद्दों में उपराज्यपाल को पूरा अधिकार दिया गया है. 21 मई को जारी इस अधिसूचना में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एसीबी को केंद्र सरकार के अधिकारियों के खिलाफ कोई मामला दर्ज करने से भी रोक दिया है.