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राहुल ने भूमि विधेयक पर मोदी सरकार को झूठा बताया

कोझिकोड : भूमि अधिग्रहण विधेयक को लेकर नरेन्द्र मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज विकास परियोजनाओं के मार्ग में भूमि की अनुपलब्धता को बड़ा रोडा बताए जाने को सबसे बड़ा झूठ करार दिया. यहां कोझिकोड तट पर युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं की विशाल रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 26, 2015 7:25 PM

कोझिकोड : भूमि अधिग्रहण विधेयक को लेकर नरेन्द्र मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज विकास परियोजनाओं के मार्ग में भूमि की अनुपलब्धता को बड़ा रोडा बताए जाने को सबसे बड़ा झूठ करार दिया.

यहां कोझिकोड तट पर युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं की विशाल रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा, सरकार जमीन को मेक इन इंडिया कार्यक्रम से जोड रही है. राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि राजग सरकार कुछ कारणों के चलते पिछली संप्रग सरकार द्वारा लाए गए कानून में व्यापक बदलाव कर भूमि अधिग्रहण विधेयक को लाने की जल्दी में थी. उन्होंने पिछले एक साल में भ्रष्टाचार को समाप्त करने के सरकार के दावे पर भी हमला बोलते हुए कहा कि भ्रष्टाचार को उजागर करने वाले मुख्य संस्थान आरटीआई और केंद्रीय सतर्कता आयोग बिना प्रमुख के हैं.

राहुल गांधी ने कहा, भाजपा सरकार किसी कारण से भूमि कानून में बदलाव करने की जल्दी में थी. उन्होंने साथ ही कहा कि सरकार ने इसके लिए जो तर्क दिया वह भ्रम पैदा करने वाला था. उन्होंने कहा, उनका तर्क यह था कि वे युवाओं को रोजगार देना चाहते हैं और इसके लिए भूमि कानून में बदलाव की जरुरत है. उन्होंने यह भी कहा कि मेक इन इंडिया अभियान के रास्ते की सबसे बड़ी बाधा भूमि विधेयक है.

कांग्रेस नेता ने कहा, इसलिए वे युवाओं, किसानों और श्रमिकों से कह रहे हैं कि तुमसे तुम्हारी जमीनें छीनने दो. जब तुम हमें अपनी जमीन दोगे तब हम तुम्हें बदले में रोजगार देंगे. राहुल ने कहा कि राजग सरकार का यह तर्क कि भूमि की अनुपलब्धता मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत परियोजनाओं को लागू करने की मुख्य बाधा है , यह युवाओं, किसानों और देश के श्रमिकों से बोला जाने वाला सबसे बड़ा झूठ है.

विस्तार में जाते हुए उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय से मिली आरटीआई सूचना के तहत केवल आठ फीसदी परियोजनाएं भूमि संबंधी मुद्दों के कारण रुकी पडी हैं. उन्होंने कहा, इसलिए भूमि की अनुपलब्धता को रोजगार सृजन के लिए विकास परियोजनाओं के मार्ग की बाधा बताना सबसे बडा झूठ है.

कांग्रेस नेता ने कहा, नये विधेयक में अधिग्रहण के लिए किसानों की मंजूरी जरुरी नहीं है. इसी प्रकार ली गयी जमीन के सामाजिक प्रभाव के अध्ययन का प्रावधान भी हटा लिया गया है. उन्होंने कहा कि पांच साल में परियोजना शुरु नहीं होने पर जमीन को किसानों को लौटाने के प्रावधान में बदलाव स्पष्ट रुप से राजग सरकार की नीयत को दर्शाता है.

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