14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

”आप” ने विशेष सत्र में केंद्र की अधिसूचना के खिलाफ लाया प्रस्‍ताव, आज भी होगी चर्चा

नयी दिल्ली : केंद्र सरकार को चुनौती देते हुए आप सरकार ने मंगलवार को विशेष सत्र के दौरान प्रशासन से जुडे कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर उप राज्यपाल को असीम शक्तियां देने वाली केंद्र की अधिसूचना के खिलाफ प्रस्‍ताव पारित किया है. उम्‍मीद जतायी जा रही है आज बुधवार को भी दो बजे से शुरू होने […]

नयी दिल्ली : केंद्र सरकार को चुनौती देते हुए आप सरकार ने मंगलवार को विशेष सत्र के दौरान प्रशासन से जुडे कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर उप राज्यपाल को असीम शक्तियां देने वाली केंद्र की अधिसूचना के खिलाफ प्रस्‍ताव पारित किया है. उम्‍मीद जतायी जा रही है आज बुधवार को भी दो बजे से शुरू होने वाले सत्र के अंतिम दिन अधिसूचना पर बवाल होगा. इस पर गंभीर चर्चा हो सकती है.

मंगलवार को प्रस्ताव पेश करते हुए उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि अधिसूचना जारी किया जाना उस सबसे बडे जनादेश का अपमान है जो दिल्ली की जनता ने विधानसभा चुनाव के समय उन्‍हें दिया है. इसके साथ ही एक आप विधायक ने उन विधायी प्रावधानों के बारे में जानकारी मांगी जिनके तहत यदि सदन उप राज्यपाल में विश्वास खो दे तो उनके खिलाफ महाभियोग चलाया जा सके.

अधिसूचना की कडी निंदा करते हुए सिसौदिया ने इसे दिल्ली विधानसभा के अधिकारों पर बडा अतिक्रमण करार दिया और कहा कि अधिसूचना जारी करना गृह मंत्रालय द्वारा अपराध को अंजाम दिया जाना है जिसका आप सरकार पूरी ताकत के साथ विरोध करेगी. उन्होंने कहा, ‘यह अधिसूचना दिल्ली विधानसभा की शक्तियों पर बडा अतिक्रमण है. इसे यह उल्लेख करते हुए जारी किया गया मानो दिल्ली में राज्य सेवा आयोग ही नहीं है और इसलिए दिल्ली विधानसभा के पास सेवाओं पर नियंत्रण नहीं है. कल केंद्र सरकार कह सकती है कि पानी के स्रोत पर आपका अधिकार नहीं है इसलिए आप पानी की आपूर्ति शहर में नहीं कर सकते.

उन्होंने केंद्र पर संविधान से खिलवाड करने का आरोप लगाते हुए कहा कि केवल एक कार्यकारी आदेश से इस प्रकार का संशोधन नहीं हो सकता. उन्होंने कहा, अधिसूचना जारी किया जाना दिल्ली की जनता के सबसे बडे जनादेश का अपमान है. आप सरकार ने केंद्र की अधिसूचना पर चर्चा के लिए दिल्ली विधानसभा का दो दिवसीय आपात सत्र बुलाया है.

क्‍या है मामला, क्‍यों जारी हुईअधिसूचना?

केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से 21 मई को जारी अधिसूचना में कहा गया था कि उपराज्यपाल को सेवाओं, सार्वजनिक व्यवस्था, पुलिस और जमीन से जुडे मामलों में अधिकार होगा और वह अपने विवेक का इस्तेमाल कर सेवाओं के मुद्दे पर जरुरी समझने पर मुख्यमंत्री से सलाह कर सकते हैं. वरिष्ठ नौकरशाह शकुंतला गैमलिन को उपराज्यपाल द्वारा दिल्ली का कार्यवाहक मुख्य सचिव नियुक्त करने पर पिछले हफ्ते सत्तारुढ आप और जंग के बीच जोरदार संघर्ष हुआ.

केजरीवाल ने उपराज्यपाल के अधिकारों पर सवाल खडे किए थे और उन पर प्रशासन चलाने का प्रयास करने के आरोप लगाये थे. दिल्ली उच्च न्यायालय ने कल फैसला दिया था कि एसीबी के पास पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार करने का अधिकार है और अदालत ने एक हेडकांस्टेबल की याचिका को खारिज कर दिया जिसे एसीबी ने भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया था.

विधानसभा सत्र में एलजी पर भी हमला

दिल्ली विधानसभा में प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए आप विधायकों ने एक के बाद एक उप राज्यपाल नजीब जंग और केंद्र को आडे हाथ लिया और कुछ ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिये जाने की मांग की. पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री के पोते और द्वारका से विधायक आदर्श शास्त्री ने राज्यपालों और उपराज्यपालों के खिलाफ महाभियोग चलाने के लिए राज्य विधानसभाओं को शक्तियां देने के लिए संवैधानिक संशोधन की मांग की.

शास्त्री ने निर्वाचित सरकार के लिए बाधाएं खडी करने पर जंग पर हमला बोला और कहा कि उप राज्यपाल और राज्यपालों के खिलाफ महाभियोग के प्रावधानों से ऐसे मुद्दों का समाधान होगा. दिल्ली पुलिस सीधे तौर पर गृह मंत्रालय के अधीन काम करती है. इसकी अधिसूचना ने एसीबी को दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार के किसी भी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई से रोक दिया था.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें