”बीफ”पर राजनीति!
नरेंद्र मोदी सरकार के एक साल के दौरान ऐसे कई मौके आये जब भारतीय राजनीति ‘बीफ’ के ईद-गिर्द खड़ी दिखाई दी. हालांकि गोहत्या एवं गाय से जुड़े प्रसंग प्रारंभ से ही समय-समय पर भारतीय राजनीति में प्रासंगिक रहे. लेकिन इस बार मामला कुछ और है. केंद्र की सत्ता पर काबिज भगवाधारी गंठबंधन के एक मंत्री […]
नरेंद्र मोदी सरकार के एक साल के दौरान ऐसे कई मौके आये जब भारतीय राजनीति ‘बीफ’ के ईद-गिर्द खड़ी दिखाई दी. हालांकि गोहत्या एवं गाय से जुड़े प्रसंग प्रारंभ से ही समय-समय पर भारतीय राजनीति में प्रासंगिक रहे. लेकिन इस बार मामला कुछ और है. केंद्र की सत्ता पर काबिज भगवाधारी गंठबंधन के एक मंत्री ने जहां गोमांस खाने वाले को पाकिस्तान जाने की नसीहत दे डाली, वहीं पर अंग्रेजी अखबर ‘इंडियन एक्सप्रेस’ की मानें तो इसी सरकार के एक अन्य मंत्री किरण रिजिजू ने अपने सहयोगी मंत्री के बयान से इत्तेफाक न रखते हुए स्वयं के बारे में बीफ खाने की पुष्टि कर डाली है.
क्या है रिजिजू का बयान
मिजोरम की दो दिवसीय यात्रा पर गये गृहराज्य मंत्री किरण रिजिजू ने हाल में अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी द्वारा गो हत्या पर दिये गये बयान को अच्छा नहीं बताया. उन्होंने कहा कि नकवी का यह बयान कि जिन्हें गोमांस खाना हो वे पाकिस्तान चले जायें, यह उचित नहीं. रिजिजू ने कहा कि पूर्वोत्तर के राज्यों में बहुसंख्यक लोग बीफ खाते हैं, ऐसे में उन पर कोई निर्णय थोपना गलत होगा. हिंदू बहुसंख्यक राज्यों में गोमांस पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है.
केंद्रीय मंत्री बनने के बाद पहली बार एजल की दो दिवसीय यात्रा पर आये रिजिजू ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि वैसे राज्य जहां हिंदू बहुसंख्यक हैं वहां गो हत्या पर प्रतिबंध लगाने के लिए कानून बना सकते हैं लेकिन पूर्वोत्तर राज्यों पर इसे थोपा नहीं जा सकता, जहां बहुसंख्य लोग गोमांस खाते हैं.
स्थानीय मीडिया ने रिजिजू के बयान को नहीं दी तरजीह
एक ओर रिजिजू का बयान जहां राष्ट्रीय मीडिया में आज सुबह से ही सुर्खियों में है, वहीं स्थानीय मीडिया उनके बयान पर मौन है. मिजोरम से प्रकाशित होने वाले अंग्रेजी अखबारों की पड़ताल से पता चलता है कि वहां के मीडिया ने गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू के दो दिवसीय दौरे को तो कवरेज दी, लेकिन इस बयान को तवज्जो नहीं दी.