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भाजपा राम मंदिर पर राजनीति करती है : विपक्ष
नयी दिल्ली : भाजपा की ओर से राम मंदिर का मुद्दा उठाये जाने के बाद विपक्ष ने एक बार फिर से भाजपा पर हमले तेज कर दिये है. विपक्ष ने एक सुर में कहा भाजपा राम मंदिर पर राजनीति करती है. हर बार चुनाव के समय भाजपा राम मंदिर का मुद्दा जोर शोर से उठाती […]
नयी दिल्ली : भाजपा की ओर से राम मंदिर का मुद्दा उठाये जाने के बाद विपक्ष ने एक बार फिर से भाजपा पर हमले तेज कर दिये है. विपक्ष ने एक सुर में कहा भाजपा राम मंदिर पर राजनीति करती है. हर बार चुनाव के समय भाजपा राम मंदिर का मुद्दा जोर शोर से उठाती है और चुनाव के बाद शांत हो जाती है. कांग्रेस के नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि रामलला, राम मंदिर और बाबरी मस्जिद जैसे मुद्दे हमेशा भाजपा के लिए एक चुनावी प्रचार कर हिस्सा रहा है.
चुनाव के बाद भाजपा इन मुद्दों को ठंढे बस्ते में डाल देती है और फिर केवल बयानों से सभी को बरगलाने का काम करती है. सिंघवी ने कहा कि भाजपा इन मुद्दों परे चुनाव के समय आगे बढ़-चढ़ कर बात करती है बाद में अतिरंजीत बयानों से मामले पर पर्दा डालने लगती है.
एनसीपी के नेता तारीक अनवर ने कहा कि आर्टिकल 370 का मसला हो या राम मंदिर का मुद्दा हो या कॉमन सिविल कार्ट का मामला हो भाजपा इनको जिंदा रखना चाहती है. भाजपा नहीं चाहती है ये मुद्दे कभी भी समाप्त हों. जैसे ही लोकसभा का चुनाव आयेगा भाजपा फिर उन मुद्दों को उठायेगी और इसका फायदा लेने का प्रयास करेगी. पिछले 50 सालों से भाजपा ऐसे विवादित मुद्दों को चुनाव के समय उठाकर लोगों की सहानुभूति बटोरने का प्रयास करती है. आने वाले दिनों भी भाजपा इन मुद्दों का उठायेगी और चुनाव में फायदा लेने का प्रयास करेगी.
जनता दल यूनाइटेड के नेता केसी त्यागी ने कहा कि भाजपा चुनाव के वक्त ऐसे भवनात्मक मुद्दों का भुनाने के एक्सपर्ट है. इनके नेता अटल बिहारी वाजपेयी पहले ही कह चुके हैं कि यह कोर्ट का मामला है. कोर्ट तय करेगा कि मंदिर कहां बनेगा और कहां नहीं. उसके बाद भी चुनाव के दिनों में इस प्रकार के विवादित मुद्दों को उठाकर साम्प्रदायिक राजनीति को गरम कर वोट इकट्ठा करना भाजपा का हर बार का एक कार्यक्रम हो गया है.
समाजवादी पार्टी के नरेश अग्रवाल ने कहा कि अगर भाजपा के पास 543 में से 542 सीटें भी मिल जाएगी तो भाजपा कहेगी कि एक सीट हमारे पास कम है. इसलिए हम राम मंदिर नहीं बनवा सकते. इससे साफ जाहिर होता है कि भाजपा राम मंदिर के मुद्दे को एक राजनीतिक मुद्दा बनाये रखना चाहती है, इसे कभी भी धार्मिक मुद्दा नहीं होने देना चाहती है.
गौरतलब है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने सरकार की एक साल की उपलब्धियों को गिनाते हुए राम मंदिर पर कहा कि सरकार को अब भी इतना बहुमत नहीं मिला है, जितना कोर मुद्दे पर काम करने के लिए होना चाहिए. आपको पता होना चाहिए कि सरकार को इसके लिए लोकसभा में 370 सीटें चाहिए. इससे पहले गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी कहा था कि इन पांच सालों में राज्यसभा में हमारे पास बहुमत लाना संभव नहीं है. राज्यसभा में बहुमत के बिना राम मंदिर का निर्माण कराना काफी मुश्किल काम है.
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