”आप” सरकार ने मजूमदार को दिल्ली वित्त निगम का सीएमडी नियुक्त किया
नयी दिल्ली : अपने अधिकार क्षेत्र को लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश से उत्साहित आप सरकार ने आज वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अनिंदो मजूमदार को दिल्ली वित्त निगम का अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक नियुक्त कर दिया. कुछ ही दिन पहले उन्हें सेवा विभाग के मुख्य सचिव पद से हटा दिया गया था. आप सरकार ने […]
नयी दिल्ली : अपने अधिकार क्षेत्र को लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश से उत्साहित आप सरकार ने आज वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अनिंदो मजूमदार को दिल्ली वित्त निगम का अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक नियुक्त कर दिया. कुछ ही दिन पहले उन्हें सेवा विभाग के मुख्य सचिव पद से हटा दिया गया था. आप सरकार ने आईएएस अधिकारी परिमल राय को समाज कल्याण और महिला एवं बाल विकास विभाग का मुख्य सचिव भी नियुक्त किया.
मजूमदार ने उप राज्यपाल नजीब जंग के निर्देश पर वरिष्ठ नौकरशाह शकुंतला गैमलिन को कार्यकारी मुख्य सचिव नियुक्त करने वाली अधिसूचना जारी की थी. इस अधिसूचना के बाद 16 मई को मुख्यमंत्री ने मजूमदार को सेवा विभाग के मुख्य सचिव पद से हटा दिया था. उप राज्यपाल ने उसी दिन शाम को मजूमदार के तबादला आदेश को ‘‘निष्प्रभावी’’ घोषित कर दिया था लेकिन आप सरकार ने उन्हें अपनी ड्यूटी बहाल करने की अनुमति नहीं दी और राजेन्द्र कुमार को सेवा विभाग का मुख्य सचिव नियुक्त कर दिया.
कार्यकारी मुख्य सचिव पद के लिए राय आप सरकार की पसंद थे. सेवा विभाग के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार द्वारा हस्ताक्षरित आदेश में कहा गया है, ‘‘ अनिंदो मजूमदार को डीएफसी का अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक नियुक्त किया गया है जबकि राय को समाज कल्याण और महिला एवं बाल विकास विभाग का मुख्य सचिव नियुक्त किया गया है.’’
कार्यकारी मुख्य सचिव के पद पर उप राज्यपाल द्वारा गैमलिन की नियुक्ति से आप सरकार और जंग के बीच खुली जंग छिड गयी थी. केजरीवाल ने जंग के अधिकारों को लेकर सवाल उठाया था और उन पर प्रशासन को अपने हाथों में लेने का आरोप लगाया था. केजरीवाल के कडे विरोध के बावजूद जंग ने के के शर्मा के दस दिन की छुट्टी पर रहने के दौरान गैमलिन को मुख्य सचिव नियुक्त कर दिया था.
इस टकराव के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 21 मई को एक अधिसूचना जारी कर उप राज्यपाल को नौकरशाहों की नियुक्ति तथा पुलिस और लोक व्यवस्था से संबंधित मुद्दों में असीम शक्तियां प्रदान कर दीं. दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को गृह मंत्रलय द्वारा जारी अधिसूचना को ‘‘संदिग्ध’’ करार दिया था और कहा था कि उप राज्यपाल को मंत्री परिषद की सलाह और मदद से कार्य करना है. अदालत के आदेश का अनुसरण करते हुए दिल्ली सरकार ने सोमवार को नौकरशाही व्यवस्था में फेरबदल करते हुए नौ वरिष्ठ अधिकारियों का तबादला किया था.