विस सत्र को छोटा रखने पर भाजपा को आपत्ति

देहरादून : वरिष्ठ भाजपा नेता अजय भट्ट ने कल से शुरु हो रहे विधानसभा सत्र को सिर्फ तीन दिन का रखे जाने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि हाल में आयी प्राकृतिक आपदा के मद्देनजर इसे विशेष सत्र घोषित करते हुए कम से कम सप्ताह भर चलाया जाना चाहिये. सत्र शुरु होने से एक दिन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 17, 2013 6:45 PM

देहरादून : वरिष्ठ भाजपा नेता अजय भट्ट ने कल से शुरु हो रहे विधानसभा सत्र को सिर्फ तीन दिन का रखे जाने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि हाल में आयी प्राकृतिक आपदा के मद्देनजर इसे विशेष सत्र घोषित करते हुए कम से कम सप्ताह भर चलाया जाना चाहिये.

सत्र शुरु होने से एक दिन पहले यहां संवाददाताओं से बातचीत करते हुए विधानसभा में विपक्ष के नेता भट्ट ने कहा कि प्रदेश में आयी प्रलयंकारी आपदा के मद्देनजर बहुत सारी बातों पर चर्चा होनी है और इसके लिये केवल तीन दिन का समय पर्याप्त नहीं है.

हालांकि, उन्होंने कहा कि सदन की कार्य मंत्रणा समिति की बैठक के दौरान भी उन्होंने सत्र की अवधि को बेहद छोटा रखे जाने पर ऐतराज किया था, जिस पर अध्यक्ष ने अवधि को तीन दिन और बढ़ाने का आश्वासन दिया. भट्ट ने यह भी कहा कि आपदा पर एक विस्तृत चर्चा बहुत जरुरी है और कल से शुरु हो रहे सत्र को विशेष सत्र घोषित किया जाना चाहिये था.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आपदा से निपटने में पूरी तरह नाकाम रही है और आगामी सत्र के दौरान सदन में उससे एकएक चीज का हिसाब मांगा जायेगा. भाजपा नेता ने कहा कि उनसे पूछा जायेगा कि देश भर से आपदा के लिये कितना धन आया और किस मद में खर्च हुआ. इसके अलावा, प्रभावित क्षेत्रों में अभी तक कितना कार्य हुआ और कितना शेष है. भट्ट ने कहा कि 2000 रुपये प्रति यात्री दी गयी धनराशि का विवरण मांगते हुए सरकार से पूछा कि कितने लोगों को यह धनराशि दी गयी और उनके नाम एवं पते क्या हैं.

उन्होंने इस संबंध में चुनौती देते हुए कहा कि यदि उसके पास सदन चलाने का नैतिक साहस है तो वह विपक्ष द्वारा जनहित में उठाये जा रहे सवालों का जबाव दे. सरकार पर हेलीकाप्टर में बैठकर वास्तविकता का अंदाजा लगाने का आरोप लगाते हुए भट्ट ने कहा कि आपदा में क्षतिग्रस्त हुई सड़कों, पुलों, अस्पतालों और स्कूलों की स्थिति अब तक दुरुस्त नहीं हुई है.

रुद्रप्रयाग जिले के सिमी गांव का उदाहरण देते हुए वरिष्ठ भाजपा विधायक ने कहा कि यह गांव मंदाकिनी नदी की तरफ खिसक रहा है और सरकार द्वारा दिये गये टैंटो पर भी पत्थर बरस रहे हैं.

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