भटकल की हिरासत 21 सितंबर तक बढ़ी
नयी दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने इंडियन मुजाहिदीन के सह संस्थापक यासीन भटकल की एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) हिरासत आज 21 सितंबर तक बढ़ा दी. एनआईए का कहना था कि भटकल वर्ष 2003 से भारत के विभिन्न हिस्सों में बम धमाके की विध्वंसकारी गतिविधियों में लगा है. भटकल और उसके करीबी असादुल्लाह अख्तर […]
नयी दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने इंडियन मुजाहिदीन के सह संस्थापक यासीन भटकल की एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) हिरासत आज 21 सितंबर तक बढ़ा दी. एनआईए का कहना था कि भटकल वर्ष 2003 से भारत के विभिन्न हिस्सों में बम धमाके की विध्वंसकारी गतिविधियों में लगा है.
भटकल और उसके करीबी असादुल्लाह अख्तर को आज कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत में पेश किया गया. उनके चेहरे ढ़के थे. उनकी सात दिन की एनआईए हिरासत खत्म हो गयी थी.एनआईए ने अख्तर की न्यायिक हिरासत की मांग की. एनआईए की हैदराबाद इकाई ने अलग से हैदराबाद के दिलसुखनगर इलाके में 21 फरवरी, 2013 के बम धमाकों के सिलसिले में अख्तर को औपचारिक रुप से गिरफ्तार करने की अनुमति मांगी थी.
अदालत ने एनआईए की हैदराबाद इकाई का यह अनुरोध स्वीकार कर लिया और अख्तर को इस मामले के सिलसिले में दो दिन की ट्रांजिट हिरासत में भेज दिया. हैदराबाद के दिलसुखनगर इलाके में कोणार्क और वेंकटदिरि थियेटरों के समीप 21 फरवरी को दो बम धमाके हुए थे जिनमें 16 लोग मारे गये थे.
सुनवाई के दौरान एनआईए ने यह कहते हुए भटकल की आठ दिन की हिरासत की मांग की कि उसने आतंकवादी हमला करने की साजिश के सिलसिले में भारत के विभिन्न हिस्सों की यात्रा की.एनआईए ने कहा, इस मामले की जांच का उद्देश्य प्राथमिक रुप से आईएम की गतिविधि की हर पहलू, उसके छिपे स्लीपर सेल, उसके सदस्यों का पता लगाना है ताकि इस संगठन द्वारा रची जा रही कई आतंकवादी गतिविधियां रोकी जा सके.
एनआईए ने अदालत से यह भी कहा कि पाकिस्तान, नेपाल और पश्चिम एशिया में भटकल के कई साथी हैं और वे भी इस मामले में शामिल हैं. हिरासत में भटकल से पूछताछ कर उनके बारे (उसके साथियों के बारे) में अधिक जानकारी का पता लगाया जाना है.जिला न्यायाधीश आई एस मेहता ने कहा, मैंने केस डायरी पर गौर किया और इस बात से सहमत हूं कि आरोपी मोहम्मद अहमद सिद्दिबाबा उर्फ यासीन भटक से पूछताछ की जरुरत है. आरोपी यासीन भटकल को चार दिन के लिए यानी 21 सितंबर तक पुलिस हिरासत में भेजा जाता है.
एनआईए ने अदालत में कहा कि उसे बड़ी संख्या में ई–मेलों का अध्ययन करना होगा जिनमें गुप्त कोड, गुप्त ईमेल आई डी, चैट आई डी है और इनके सिलसिले में तथ्यों का पता लगाने के लिए भटकल से हिरासत में पूछताछ जरुरी है.