भूमि-अधिग्रहण कानून से नक्सल समस्या का हल : रमेश
भोपाल : केंद्रीय ग्रमीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने दावा किया है कि लोकसभा एवं राज्य सभा में हाल ही पारित भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास तथा पुनर्व्यवस्थापन विधेयक के चलते देश में नक्सली समस्या का बहुत हद तक समाधान करने में मदद मिलेगी. जयराम रमेश ने आज यहां संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि नये […]
भोपाल : केंद्रीय ग्रमीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने दावा किया है कि लोकसभा एवं राज्य सभा में हाल ही पारित भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास तथा पुनर्व्यवस्थापन विधेयक के चलते देश में नक्सली समस्या का बहुत हद तक समाधान करने में मदद मिलेगी.
जयराम रमेश ने आज यहां संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि नये भूमि अधिग्रहण कानून के लागू होने के बाद देश में नक्सली समस्या के समाधान में काफी हद तक सफलता प्राप्त हो सकेगी क्योंकि यह समस्या बहुत हद तक जमीन और वन अधिकारों से जुडी हुई है. उन्होंने कहा कि अकेले मध्यप्रदेश में ही दस जिले नक्सल प्रभावित हैं और इस कानून से समस्या का काफी हद तक समाधान हो सकेगा.
उन्होंने कहा कि अभी तक देश में भूमि अधिग्रहण के संबंध में 1894 का तानाशाही कानून लागू था जिसमें भूमि अधिग्रहण को लेकर नीतियां तो बनाई गयीं थीं लेकिन इसको लेकर किसी प्रकार का कानून नहीं था. उन्होने कहा कि दो साल पहले पांच सितंबर 2011 को उन्होने संसद में जो कानून पेश किया था तथा उसे पारित होने में लगभग दो साल लग गये.
रमेश ने कहा कि देश में पहली बार भूमि –अधिग्रहण को लेकर कानून बनाया गया है तथा भूमि –अधिग्रहण के बाद पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन को परिभाषित किया गया है. रमेश ने संवाददाता सम्मेलन में पहले ही स्पष्ट कर दिया कि आज वे केवल भूमि –अधिग्रहण कानून से जुडे मुद्दो से संबंधित सवालों का ही जवाब देंगे और इसके अलावा किसी भी सवाल का जवाब नहीं देंगे.
एक प्रश्न के उत्तर में रमेश ने दावा किया कि इस कानून के लागू होने के बाद देश में जमीनों के भावों में इजाफा होगा. उन्होंने बताया कि इस कानून के संबंध में राज्य सरकारों से भी राय ली गई थी और सिंचाई योजनाओं के संबंध में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सलाह पर कुछ अनुबंधों में संशोधन भी पेश किये गये हैं.