फांसी के सात महीने बाद आयी अफजल गुरु की किताब
श्रीनगर : संसद पर हमला मामले में अभियुक्त मोहम्मद अफजल गुरु को फांसी की सजा दिए जाने के सात महीने बाद उसकी एक किताब आयी है जिसमें अफगानिस्तान में अमेरिकी और संयुक्त बलों से मुकाबला लेने के लिए तालिबान प्रमुख मुल्ला मुहम्मद उमर की प्रशंसा की गयी है. गुरु ने 94 पृष्ठों की अपनी किताब […]
श्रीनगर : संसद पर हमला मामले में अभियुक्त मोहम्मद अफजल गुरु को फांसी की सजा दिए जाने के सात महीने बाद उसकी एक किताब आयी है जिसमें अफगानिस्तान में अमेरिकी और संयुक्त बलों से मुकाबला लेने के लिए तालिबान प्रमुख मुल्ला मुहम्मद उमर की प्रशंसा की गयी है.
गुरु ने 94 पृष्ठों की अपनी किताब में लिखा है कि भरोसेमंद मुल्ला मुहम्मद उमर के नेतृत्व में तालिबान अंधेरे में रोशनी की किरण है. किताब के अनुसार इस संगठन ने अमेरिका और नाटो बलों के वर्चस्व को ध्वस्त कर दिया है हालांकि तुर्की, परमाणु हथियार संपन्न पाकिस्तान और अरब देशों जैसे विकसित मुस्लिम राष्ट्र पश्चिम से भयभीत हैं.
उर्दू में लिखी गयी इस किताब का संपादन करने वाले अलगाववादी नेता शफी अहमद खान शैरियाती ने दावा किया कि गुरु ने उन्हें तिहाड़ जेल से कश्मीरी लोगों के लिए एक संदेश भेजा था. गुरु को गिरफ्तार किए जाने के 11 साल बाद सात फरवरी को फांसी दे देगी गयी थी.