आसाराम की कुटिया ढहाने पर न्यायालय की रोक

इंदौर : मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने एक ग्राम पंचायत के जारी उस नोटिस को अमली जामा पहनाये जाने पर आज रोक लगा दी, जिसमें प्रवचनकर्ता आसाराम के इंदौर स्थित आश्रम की कुटिया और कुछ अन्य निर्माणों को अनाधिकृत बताकर इन्हें ढहाने की चेतावनी दी गयी थी. उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ के न्यायमूर्ति एनके मोदी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 17, 2013 9:09 PM

इंदौर : मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने एक ग्राम पंचायत के जारी उस नोटिस को अमली जामा पहनाये जाने पर आज रोक लगा दी, जिसमें प्रवचनकर्ता आसाराम के इंदौर स्थित आश्रम की कुटिया और कुछ अन्य निर्माणों को अनाधिकृत बताकर इन्हें ढहाने की चेतावनी दी गयी थी.

उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ के न्यायमूर्ति एनके मोदी ने आसाराम गुरुकुल ट्रस्ट की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रवचनकर्ता के खंडवा रोड स्थित आश्रम के विवादित निर्मार्णों को ढहाये जाने पर रोक लगा दी. आसाराम गुरुकुल ट्रस्ट के वकील राहुल सेठी ने संवाददाताओं को यह जानकारी दी.

उन्होंने बताया कि इस ट्रस्ट ने बिलावली ग्राम पंचायत के 10 सितंबर को जारी किये गये नोटिस को अदालत में चुनौती दी थी. इस नोटिस में कहा गया था कि आसाराम के आश्रम में कुटिया, सत्संग हॉल, दुकान और कार्यालय का निर्माण ग्राम पंचायत की अनुमति के बगैर किया गया था.

सेठी के मुताबिक ग्राम पंचायत ने अपने नोटिस के जरिये आसाराम गुरुकुल ट्रस्ट को चेतावनी दी थी कि अगर इस आश्रम से सात दिन के भीतर विवादित निर्माण नहीं हटाये गये, तो इन्हें ढहा दिया जायेगा.

अधिकारियों ने बताया कि लम्बी लुका-छिपी और नाटकीय घटनाक्रम के बाद जोधपुर पुलिस ने आसाराम को 31 अगस्त की आधी रात इसी आश्रम से गिरफ्तार किया था. उन्होंने बताया कि इस आश्रम में लीज की जमीन और निर्माण कार्यों की अलग-अलग गड़बड़ियों के खुलासे के बाद जिला प्रशासन ने भी आश्रम के संचालक को तीन नोटिस जारी करके जवाब तलब किया है.

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