उत्तराखंड : कैबिनेट मंत्री के आवास पर गोलीबारी

देहरादून : उत्तराखंड के कृषि मंत्री हरक सिंह रावत के सरकारी आवास पर गोली चलने और उसमें मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के एक करीबी सहित दो व्यक्तियों के घायल होने के मामले में पुलिस ने एक कांग्रेसी विधायक का नाम सामने आने के बावजूद अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. पुलिस ने आज यहां […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 17, 2013 10:33 PM

देहरादून : उत्तराखंड के कृषि मंत्री हरक सिंह रावत के सरकारी आवास पर गोली चलने और उसमें मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के एक करीबी सहित दो व्यक्तियों के घायल होने के मामले में पुलिस ने एक कांग्रेसी विधायक का नाम सामने आने के बावजूद अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है.

पुलिस ने आज यहां बताया कि मंत्री के यमुना कालोनी स्थित आवास पर कल रात मंत्रियों और विधायकों को दिये जा रहे भोज के दौरान हुई फायरिंग की घटना की जांच की जा रही है और फिलहाल इस मामले में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. पुलिस ने कहा कि गोलीबारी के मामले में अभी तक किसी भी पक्ष की ओर से कोई तहरीर नहीं दी गयी और पुलिस ने सूचना मिलने पर खुद ही मुकदमा दर्ज किया है.

कल रात हुई इस घटना में घायल पूर्व आंदोलनकारी और मुख्यमंत्री के करीबी माने जाने वाले विवेकानंद खंडूरी का सरकारी दून अस्पताल में इलाज चल रहा है. रवींद्र सैनी नामक एक अन्य व्यक्ति को भी मामूली चोट आयी. घटना के वक्त मौके पर मौजूद रुड़की के विधायक प्रदीप बत्रा ने बताया कि गोली लक्सर से कांग्रेसी विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन ने कथित तौर पर चलायी थी.

हालांकि, उन्होंने कहा कि चैंपियन ने दिखावे के लिए फायरिंग की थी. बत्रा के अलावा घटना में मामूली रुप से घायल हुए सैनी ने भी कहा कि चैंपियन ने हवाई फायरिंग किये थे. बहरहाल, कैबिनेट मंत्री रावत ने अपने आवास पर हुई फायरिंग की घटना के बारे में टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.

मुख्य विपक्षी भाजपा ने इस मामले में सरकार पर निशाना साधा है. पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि एक कैबिनेट मंत्री के घर फायरिंग होना कोई छोटी बात नहीं है और ऐसे मंत्री को तत्काल कैबिनेट से बाहर किया जाना चाहिए. विधानसभा में विपक्ष के नेता अजय भटट ने इस मामले में कांग्रेसी विधायक के खिलाफ तत्काल मुकदमा दर्ज करने की मांग की है.

घटना में आरोपी बताये जा रहे चैंपियन पर पहले भी इस तरह के आरोप लगते रहे हैं. उन्होंने वर्ष 2007 में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की रुड़की में हुई जनसभा के बाद अपने समर्थकों के साथ वाहन पर चढकर बंदूकें लहरायी थीं. उनके खिलाफ हरिद्वार और आसपास के इलाकों में पुलिस मे मामले भी दर्ज हैं. हालांकि, उनके खिलाफ कभी कोई कार्रवाई नहीं हुई.

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