जानिये यदुवीर की अमेरिका की पढ़ाई से लेकर मैसूर के राजा बनने तक की कहानी
मैसूर राजघराने को को आखिरकार अपना 27वां राजा मिल ही गया. 23 साल के यदुवीर वडियार का गुरूवार को बेंगलूर से 150 किलोमीटर दूर अंबा विला पैलेस में राजतिलक किया गया. वहीं यदुवीर अमेरिका यूनिवर्सिटी से इंग्लिश और इकोनॉमिक्स की डिग्री लेकर लौटे हैं. उनके लिए अमेरिका से लेकर राजतिलक तक का सफर बेहद दिलचस्प […]
मैसूर राजघराने को को आखिरकार अपना 27वां राजा मिल ही गया. 23 साल के यदुवीर वडियार का गुरूवार को बेंगलूर से 150 किलोमीटर दूर अंबा विला पैलेस में राजतिलक किया गया. वहीं यदुवीर अमेरिका यूनिवर्सिटी से इंग्लिश और इकोनॉमिक्स की डिग्री लेकर लौटे हैं. उनके लिए अमेरिका से लेकर राजतिलक तक का सफर बेहद दिलचस्प रहा होगा. जानिये मैसूर राजघराने से जुड़ी दिलचस्प बातें :
1. वाडियार राजघराने का इतिहास 1399 से चला आ रहा है. उस समय से इस राजघराने ने मैसूर पर राज करना शुरू किया था. उस समय से लगातार राजा की घोषणा होती आई है.
2. इससे पहले 1974 में राजतिलक हुआ था. यादुवीर के चाचा श्रीकांतदत्ता नरसिम्हा वाडियार का राजतिलक किया गया था. वर्ष 2013 में उनका निधन हो गया था तब से यह पद खाली था.
3. यदुवीर अब कृष्णदात्ता चामराजा वाडियार के नाम से जाने जायेंगे. उनकी सगाई तृषिका कुमारी नामक लड़की से हो चुकी है.
4. इस परिवार में वर्तमान में 1200 से अधिक सदस्य शामिल हैं.
5. मैसूर दशहरे की अगुवाई इस साल यदुवीर ही करेंगे. साथ ही लंबे समय से चली आ रही संपत्ति विवाद की लडाई भी अब इन्हें के देख-रेख में होगी.
6. मैसूर का महाराजा पैलेस हमेशा से ही आकर्षण का केंद्र रहा है. इसका निर्माण वडियार महाराजाओं ने ही करवाया था. इस किले में सात दरवाजे हैं. यह महल पहले लकड़ी का बनाया गया था बाद में लकड़ी का महल जल जाने के बाद दोबारा इसका निर्माण कराया गया था.
7. इस महल के आर्किटेक्ट ब्रिटिश के हेनरी इर्विन थे.
8. महल की कांच से बनी और दीवारों पर लगी तस्वीरें आकर्षण का केंद्र रही है.
9. बहुमूल्य रत्नों से सजा सिंहासन इस महल की एक और खासियत है जिसे दशहरे के मौके पर लोगों के देखने के लिए रखा जाता है.