सरकारी खर्चो में कटौती का अभियान,नियुक्तियों पर रोक
नयी दिल्ली:राजकोषीय और चालू खाते के घाटे से जूझ रही सरकार ने खर्चो में कटौती का अभियान छेड़ दिया है. इसके तहत पांच सितारा होटलों में सरकारी बैठकों तथा अधिकारियों के एक्जिक्यूटिव श्रेणी की विमान यात्रा पर रोक लगा दी गयी है. सरकार ने खर्च में किफायत के ऐसे विभिन्न उपाय कर गैर योजना व्यय […]
By Prabhat Khabar Digital Desk |
September 18, 2013 7:55 PM
नयी दिल्ली:राजकोषीय और चालू खाते के घाटे से जूझ रही सरकार ने खर्चो में कटौती का अभियान छेड़ दिया है. इसके तहत पांच सितारा होटलों में सरकारी बैठकों तथा अधिकारियों के एक्जिक्यूटिव श्रेणी की विमान यात्रा पर रोक लगा दी गयी है. सरकार ने खर्च में किफायत के ऐसे विभिन्न उपाय कर गैर योजना व्यय में 10 प्रतिशत कमी का लक्ष्य रखा है. चालू वित्त वर्ष (2013-14) में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 4.8 प्रतिशत पर सीमित रखने के मकसद से वित्त मंत्रालय ने सभी मंत्रालयों और विभागों को निर्देश दिया है कि वे नये वाहन नहीं खरीदें, नये पदों का सृजन न करें और पिछले एक साल से अधिक समय से खाली पदों को न भरें. नवंबर 2012 में भी इसी तरह का अभियान छेड़ा गया था. वित्त मंत्रालय ने कहा कि इस तरह के उपायों का मकसद वित्तीय अनुशासन बनाना है.
एम्स व एआइआर भी दायरे में
वित्त मंत्रालय ने कहा है कि मितव्ययिता उपाय स्वायत्त सरकारी संस्थानों मसलन अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और ऑल इंडिया रेडियो (एआइआर) आदि पर भी लागू होंगे. उन्हें बजट प्रावधान से अधिक कोई अतिरिक्त राशि नहीं दी जायेगी. हालांकि, मंत्रालय ने यह नहीं बताया है कि इन उपायों से मितव्ययिता उपायों से सरकार को कितनी बचत होगी. सकरुलर ऐसे समय जारी किया गया है, जब एक दिन पहले वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने विभिन्न मंत्रालयों के वित्तीय सलाहकारों से मुलाकात में उनसे खर्चो में कटौती की जरूरत बतायी थी. मितव्ययिता उपायों का ब्योरा देते हुए वित्त मंत्रालय ने कहा कि ब्याज भुगतान, ऋण पुनभरुगतान, रक्षा, पूंजी, वेतन, पेंशन और राज्यों को दिया जानेवाला अनुदान को योजनागत व्यय में अनिवार्य 10 प्रतिशत कटौती के इस कार्यक्रम से बाहर रखा गया है.
वाहन परिवहन पर ब्रेक
विदेश में प्रदर्शनी, संगोष्ठियों या सम्मेलन के आयोजन को हतोत्साहित किया जायेगा और सिर्फ ट्रेड प्रमोशन से संबंधित आयोजन ही विदेश में किये जा सकेंगे. पांच सितारा होटलों में बैठकों या सम्मेलन पर पूरी तरह रोक होगी और नये वाहनों की खरीद पर पूर्ण प्रतिबंध होगा. सिर्फ बेकार घोषित किये गये वाहनों के स्थान पर ही नया वाहन खरीदा जा सकेगा. इसमें कहा गया है कि घरेलू यात्रा के दौरान सभी अधिकारियों को इकोनामी श्रेणी में यात्रा करनी होगी सिर्फ कुछ शीर्ष स्केलवाले अधिकारियों को इसमें छूट मिलेगी. सभी मंत्रालयों और विभागों को यह सुनिश्चित करना होगा कि विदेश यात्रा सिर्फ बेहद जरूरी होने पर ही हो. प्रतिनिधिमंडल का आकार और यात्रा की अवधि में बेहद सीमित रखा जाये. इसमें कहा गया है कि मितव्ययिता उपायों को लागू करने की जिम्मेदारी सचिवों की होगी और वित्तीय सलाहकारों को तिमाही आधार पर इस बारे में वित्त मंत्रालय को रिपोर्ट देनी होगी.
अब केवल बेहद आवश्यक नियुक्तियां ही
चालू वित्त वर्ष में ऐसे गैर योजना खर्च जिनमें कटौती की गयी है, उनके लिए फिर से कोष जारी नहीं होगा. सरकारी विभागों में नयी नौकरियों के सृजन के बारे में मंत्रालय ने कहा है कि नये पदों पर पूरी तरह रोक होगी. एक साल से अधिक से रिक्त पदों को भी नहीं भरा जा सकेगा. केवल कुछ विशिष्ट या बेहद आवश्यक होने पर ही ये पद भरे जा सकते हैं.